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कथित बाबा वीरेंद्र देव के ब्रेनब्रॉश से बचीं इस गांव की महिलाएं

आगरा में भी कथित बाबा का आध्यात्मिक विश्वविद्यालय का रहस्य खुला।

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आगरा

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Abhishek Saxena

Dec 26, 2017

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आगरा। कथित बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रमों में महिलाओं के साथ शोषण और उनका इस्तेमाल की खबरें आईं थी। आगरा में भी कथित बाबा का आध्यात्मिक विश्वविद्यालय का रहस्य खुला। आगरा में थाना ताजगंज के शमसाबाद रोड स्थित कहरई गांव के पास वीरेंद्र देव दीक्षित का आध्यात्मिक विश्वविद्यालय मिला। यहां कई संवासिनी मिलीं। जब पुलिस पहुंची, तो वहां कई महिलाएं कीर्तन करतीं मिली। पुलिस ने पूरा आश्रम छाना, तो उन्हें इस आश्रम में संवासिनी के अलावा युवतियां बरामद नहीं हुई। इस मामले में जब स्थानीय नागरिकों से बात की गई, तो पहले कैमरे के सामने से ग्रामीणों ने मना कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि यहां बाबा का आना जाना रात के समय ही होता था। बाबा रात के अंधेरे में आते थे और सुबह की किरणें निकलने से पहले यहां से चले जाते थे।

गांव की महिलाएं भी हुई थी शामिल, लेकिन परिवार ने रोका
नाम न प्रकाशित शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि बाबा के प्रवचन सिर्फ उन्हीं महिलाओं को सुनने मिलते थे। जो यहां के रीति रिवाजों को मानने वाली हों। गांव की कुछ महिलाएं प्रवचन सुनने के लिए जाती थी। ये प्रवचन रविवार के दिन होते थे। रविवार को बाबा अपने शिष्यों को टेलीविजन के माध्यम से प्रवचन दिया करते थे। ग्रामीण ने बताया कि यहां सिर्फ सफेद कपड़े पहनकर आने की इजाजत थी। महिलाएं सफेद साड़ी में जाया करती थी। जिसके बाद उनके परिवारीजनों ने एतराज किया। परिवार के रोकने के बाद गांव की महिलाओं ने आना बंद कर दिया। बताया कि बाबा के प्रवचन से महिलाएं इस कदर प्रभावित थीं कि वे हर रविवार को सारे काम छोड़कर बाबा के प्रवचन सुनने जाती थीं। महिलाएं बाबा के आश्रम में श्रमदान भी किया करती थीं। बाबा के प्रवचन सुनने के बाद परिवार से उनका मोह दूर होता देखकर कई गांव वालों ने अपने परिवार की महिलाओं को यहां जाने से रोक दिया था।

किलेनुमा है बाबा का चार मंजिला आश्रम
आध्यात्मिक विश्वविद्यालय जिस जगह बना हुआ है। वहां चार मंजिला बना है। चारों तरफ लोहे के जंगले लगे हुए है। एक बड़ा मेन गेट है, जो लोहे का है, तो एक छोटा सा रास्ता दूसरी तरफ है। इस आश्रम के अंदर कई कमरे बने हुए हैं। कुछ तहखानों की बात भी ग्रामीण कर रहे हैं। लेकिन, अंदर से पुलिस टीम को ऐसा कुछ नजर नहीं आया। ग्रामीणों ने बताया कि यहां रविवार के अलावा किसी अन्य दिन जाने के लिए इजाजत लेनी पड़ती है। संवासिनी इस आश्रम से बाहर नहीं निकलती हैं। हॉल में एक बड़ा सा टेलीविजन लगा हुआ है, जिस पर बाबा के प्रवचन चलते हैं। इस बिल्डिंग की देखरेख का जिम्मा बरौली ब्लॉक के एक सरकारी कर्मचारी पर बताया गया है। जो हर रविवार को आता जाता है।