18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दो दिन क्यों मनायी जाती है जन्माष्टमी, महंत से जानें शास्त्रों की बात, देखें वीडियो

मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी बताया कि सनातन धर्म में कोई भी त्योहार दो नहीं मनाए जाते हैं।

less than 1 minute read
Google source verification

आगरा

image

suchita mishra

Aug 22, 2019

Krishna Janmashtami 2019

Krishna Janmashtami 2019

आगरा। इस बार जन्माष्टमी 23 और 24 अगस्त 2019 को है। दो दिन त्योहार पड़ने को लेकर को लेकर आगरा के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी बताया कि सनातन धर्म में कोई भी त्योहार दो नहीं मनाए जाते हैं। त्योहार हमेशा मुहूर्त के अनुसार मनाया जाता है।

शैव और वैष्णव संप्रदाय
महंत योगेश पुरी ने बताया कि बहुत से लोग सोचते हैं कि जन्माष्टमी अक्सर दो ही होती हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। जन्माष्टमी भी अपने व्यवस्थाओं के अनुकूल होती है। प्रमुख रूप से दो संप्रदायों में जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जाता है। शैव सम्प्रदाय के लोग जब रात्रि 12 बजे अष्टमी तिथि होती है, तब मनाते हैं। उनके लिए इस बार यह अष्टमी 23 अगस्त, 2019 को है। जब कृष्ण ने जन्म लिया तो भगवान शंकर को पता लग गया और उत्सव शुरू हो गया। वैष्णव सम्प्रदाय में उदया तिथि से त्योहार मनाए जाते हैं। उदया यानी सूर्योदय के बाद अष्टमी 24 अगस्त, 2019 को है। इसी कारण 24 अगस्त को वैष्णव सम्प्रदाय के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे। इसलिए यह भ्रम दूर दें कि हिन्दुओं में दो त्योहार होते हैं।

मनकामेश्वर मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव 23 अगस्त को
उन्होंने बताया कि मनकामेश्वर मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव 23 अगस्त को रात्रि में भगवान मनकामेश्वर को 108 कलशों से स्नान कराके मनाया जाएगा। मंदिर में 24 अगस्त, 2019 को शाम सात बजे से नंदोत्सव शुरू होगा। इसमें बच्चे गायन और नृत्य के माध्यम से अपने भाव प्रस्तुत करेंगे।