scriptइस गांव में करवाचौथ का व्रत भी नहीं बढ़ा पाता पति की आयु, महिलाएं आधी से कम उम्र में हो जाती हैं विधवा, पढ़िये हैरान कर देने वाली कहानी…. | karwa chauth vrat unable to save husband's life read painful story | Patrika News

इस गांव में करवाचौथ का व्रत भी नहीं बढ़ा पाता पति की आयु, महिलाएं आधी से कम उम्र में हो जाती हैं विधवा, पढ़िये हैरान कर देने वाली कहानी….

locationआगराPublished: Oct 26, 2018 11:22:59 am

Submitted by:

suchita mishra

हर साल करवाचौथ के दिन कुकरसा गांव की महिलाएं त्योहार मनाने के बजाय मातम मनाती हैं।

आगरा। पति की लंबी उम्र के लिए हर साल महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखती हैं। इस बार करवाचौथ 27 अक्टूबर को है। सभी जगह इस त्योहार की रौनक है। सुहागिनें जोर शोर से व्रत की तैयारियों में लगी हैं। लेकिन सुहागिनों के इस त्योहार के बीच आज हम आपको बताएंगे आगरा शहर के एक ऐसे गांव के बारे में जहां महिलाएं करवाचौथ का व्रत विधि विधान से करने के बाद भी अपने पति की आयु नहीं बढ़ा पातीं। यहां 35 वर्ष की उम्र में ही महिलाओं का सुहाग उजड़ जाता है। हम बात कर रहे हैं कुकरसा गांव की। जानते हैं हैरान कर देने वाले इस गांव की कहानी।
ये है कारण
जब भी करवाचौथ का त्योहार आता है कुकरसा गांव में महिलाएं मातम मनाती हैं। पड़ोस की कोई नई नवेली बहू ये व्रत रहे तो वे खुद के भाग्य को कोसती हैं। महिलाओं के अनुसार ये कोई श्राप नहीं है बल्कि पत्थर की खदान का काम उनके इस जीवन का जिम्मेदार है। पत्थर की खदान का काम करने से कम उम्र में पुरुषों को सिलिकोसिस नामक बीमारी हो जाती है। धीरे धीरे ये बीमारी उनके शरीर को खोखला कर देती है जिसके कारण कम उम्र में ही यहां के पुरुष मौत के मुंह में समा जाते हैं।
1200 लोगों की आबादी है
इस गांव की रहने वाली एक महिला के मुताबिक गांव की आबादी तकरीबन 1200 लोगों की है। जिसमें 200 से ज्यादा महिलाएं विधवा हो चुकी हैं। करीब 35 से 40 वर्ष की उम्र में उनके पतियों का देहांत हो गया। इन सबके बावजूद यूपी सरकार की ओर से अब तक ऐसे मजदूरों और उनके परिवार को राहत देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। पति के जाने के बाद अब तमाम महिलाएं परिवार चलाने के लिए यही काम कर रही हैं। लिहाजा उनकी जान पर भी इस बीमारी का साया मंडरा रहा है।
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