
Keshav Dev Maurya Statement: उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दिवाली जैसा माहौल है। भगवान श्रीराम के भक्त अपने-अपने तरीके से इस दिन खुशियां मनाने की तैयारियों में जुटे हैं। इसके तहत कहीं झांकी निकल रही है तो कहीं शोभायात्रा निकालकर लोग अपनी श्रद्धा दिखा रहे हैं। वहीं देश के कोने-कोने से भगवान श्रीराम के लिए महंगे उपहार अयोध्या भेजे जा रहे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य का विवादित बयान चर्चा बटोर रहा है। उन्होंने आगरा में गुरुवार को कहा कि राम मंदिर, भगवान श्रीराम और जगद्गुरु रामभद्राचार्य को लेकर बड़ा बयान दिया है।
दरअसल, आगरा के रहने वाले केशव देव मौर्य ने कहा कि उनकी भगवान राम में कोई आस्था नहीं है। वह सिर्फ रामजी का सम्मान करते हैं। न तो वह भगवान राम से डरते हैं और न ही उनमें आस्था रखते हैं। इसलिए अयोध्या में 22 जनवरी को हो रही श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उनका कहना है कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा नाम की कोई चीज है ही नहीं। यह सिर्फ भाजपा का राजनीति स्टंट है।
उन्होंने कहा कि क्या भगवान श्रीराम में पहले प्राण नहीं थे, जो अब भाजपा प्राण प्रतिष्ठा करवा रही है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण कांग्रेस की देन है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही अयोध्या में राम मंदिर का ताला खुलवाया था। इसके साथ ही मंदिर में मूर्तियां भी रखवाई थीं। इसी के बाद विवाद पैदा हुआ और दंगे हुए। आज राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का श्रेय भी राजीव गांधी को जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अयोध्या जाएं या न जाएं, लेकिन कांग्रेसियों को वहां जरूर जाना चाहिए। बाबरी मस्जिद विध्वंस में कांग्रेस पार्टी का बड़ा रोल था। केशव देव मौर्य यहीं नहीं रुके। गुरुवार को वह जगद्गुरु रामभद्राचार्य को लेकर बोले कि आज रामभद्राचार्य कह रहे हैं कि जो राम को नहीं भजेगा, वह चमार है। यह जितना निंदनीय है, उतना ही दंडनीय भी है। संत रामभद्राचार्य को तत्काल दंडित करना चाहिए।
इसके साथ ही उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज होना चाहिए, लेकिन वह भाजपा के कार्यकर्ता हैं। इसलिए उनके खिलाफ योगी सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़े-बड़े माफियाओं की कमर तोड़ दी, लेकिन अपने चहेतों पर कोई कार्रवाई नहीं की। केशव देव मौर्य ने कहा कि राम भद्राचार्य आंखों से ही नहीं, बल्कि अक्ल से भी अंधे हैं। मैं राम को नहीं मानता हूं, इसलिए खुद को चमार मानने को तैयार हूं।
Updated on:
11 Jan 2024 06:40 pm
Published on:
11 Jan 2024 06:36 pm
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