scriptपत्रिका अभियान: योग क्या है जानिए, योग के साथ ध्यान आखिर क्यों है जरूरी | Know what is Yoga and why meditation with yoga is necessary | Patrika News
आगरा

पत्रिका अभियान: योग क्या है जानिए, योग के साथ ध्यान आखिर क्यों है जरूरी

विश्व योग दिवस 21 जून को है, आगरा में गायत्री प्रकोष्ठ और योगा वेलनेस सेंटर द्वारा आवास विकास कॉलोनी सेक्टर तीन में योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है

आगराJun 12, 2018 / 02:58 pm

अभिषेक सक्सेना

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आगरा। आधुनिक जीवनशैली और भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव आम हो गया है। लोग इसके लिए चिकित्सकों के पास पहुंच रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को स्वस्थ्य रखने के लिए योग अपनाने की सलाह दी है। विश्व योग दिवस 21 जून को है। इसके लिए शहर में कई कार्यक्रम होने हैं। लेकिन, आगरा में गायत्री प्रकोष्ठ और योगा वेलनेस सेंटर द्वारा आवास विकास कॉलोनी सेक्टर तीन में सूर वाटिका में योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। पत्रिका भी अपने सुधी पाठकों के लिए योग दिवस के लिए अभियान चला रहा है। जिसमें पाठकों को रोजाना योग की जानकारी मुहैया कराई जाएगी। मंगलवार को पत्रिका टीम ने योग प्रशिक्षक से बातचीत की और जाना योग, आसन, ध्यान क्या हैं। व्यक्ति को किस प्रकार करने चाहिए।
योग क्या है
सूर वाटिका में योग वेलनेस सेंटर के योगाचार्य डॉ.केपी सिंह ने बताया कि योग अपने आप में एक संपूर्ण जीवन जीेने के कला है, स्वस्थ्य रहने की कला है। आज के दौर में कुछ लोग योग को सामान्य आसन करना या फिर सामान्य हाथ पैर हिलाना ही जानते है। लेकिन, योग के जरिए हम अपने शरीर, मन को पूर्ण रूप से स्वस्थ्य कर सकते हैं। महर्षि पतंजलि ने अष्ठांग योग का वर्णन किया है। जिसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, समाधि तक का वर्णन मिलता है। लेकिन, आज हम शरीर को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए योग करते हैं। मानसिक फिटनेस के लिए योग करते हैं। योग से पूरे शरीर को स्वस्थ्य रखा जा सकता है। शरीर को फिट रखने के लिए हम आसन करते हैं यदि आसनों का अभ्यास सही तरीके से किया जाए तो बहुत सारी बीमारियां ठीक हो सकती है। लोग उल्टे तरीके से योग कर लेते है। योग हमेशा कुछ दिन के लिए प्रशिक्षक की देखरेख में किया जाए तो लाभ ही लाभ मिलेगा।
जानिए क्या है ध्यान
ध्यान के द्वारा आप अंर्तमुखी बनते हैं। सारी बीमारियां दूर होती है। आज लोग अपने आप को समय नहीं दे पाते। तनाव बढ़ रहा है। ध्यान और प्राणायाम के द्वारा हमें तनाव से पूरी तरह से मुक्ति मिल सकती है। आसन का बहुत बड़ा रोल होता है। आसन योग का वो हिस्सा है जिसके द्वारा हम शरीर को फिट रखने के लिए आसन का उपयोग करते हैं। आसन से शरीर के हर हिस्से को मजबूती मिलती है। मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
गायत्री प्रकोष्ठ के आचार्य ने बताया ध्यान
गायत्री प्रकोष्ठ आगरा के डॉ.अरविंद मिश्र ने बताया कि अपने मन की बात जिस तरह से ईश्वर के मंदिर में जाकर कह देते हैं। ध्यान में ईश्वर से अपनी भावना को इंटरेक्ट करते हैं। ध्यान में अंतरआत्मा से संपर्क जोड़ने का प्रयत्न करते हैं। कष्ट और परेशानी को अंतहकरण के माध्यम से ईश्वर तक पहुंचाते हैं उसे ध्यान कहते है। ईश्वर का स्वरूप ध्यान के माध्यम से महसूस किया जा सकता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में आज इंसान तनाव में रहता है। यदि योग करते हैं और योग के साथ ध्यान करते हैं और ईश्वर से कनेक्शन जोड़ने का प्रयास करें तो ध्यान के माध्यम से सारे तनाव दूर किए जा सकते हैं।
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