
जुमे की नमाज के बाद हुआ विरोध
शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद ताजमहल मस्जिद इंतजामिया कमेटी के बैनर तले एक जुलूस ताजमहल के पश्चिमी गेट से निकाला गया। ये जुलूस पुरानी मंडी, माल रोड होता हुआ एएसआई कार्यालय पर समाप्ता हुआ। मुस्लिम समाज के लोगों ने यहां एएसआई कार्यालय के अधिकारियों को ज्ञापन दिया और ताजमहल में नमाज के लिए भारत के हर मुस्लिम को जाने की अनुमति मांगी। संस्था के पदाधिकारी सैय्यद ईब्राहिम हुसैन जैदी का कहना है कि जो नमाज पढ़ने जा रहा है उसको केवल नमाजी के तौर पर देखा जाना चाहिए, भेदभाव नहीं करना चाहिए। ताजमहल का दक्षिणी गेट पर्यटकों के लिए बंद किया गया है, जबकि नमाज के दिन इस गेट को भी खोला जाना चाहिए था। ये कई वर्षों से खुल रहा है। बता दें कि लगभग तीन सप्ताह पहले ताजमहल में नमाज पढ़ने जाने वाले मुस्लिमों के लिए एक नया आदेश लागू किया गया था। जिसके तहत केवल आगरा के ही मुसलमानों को नमाज के लिए शुक्रवार के दिन ताजमहल में प्रवेश दिया जाएगा। जबकि भारत के किसी अन्य कोने से आने वाले मुसलमानों को यहां नमाज के लिए प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस आदेश को लेकर मुस्लिम समाज में काफी समय से रोष बना हुआ था।
गजट में भी हैं ये तथ्य
मुनव्वर अली का कहना था कि गजट में ही मुस्लिमों के यहां आने और नवाज पढ़ने का प्रावधान किया गया है तो स्थानीय स्तर पर इस तरह का निर्णय क्यों लिया जा रहा है। इंतजामिया कमेटी ने मांग की है कि 16 या 17 मई से शुरू होने जा रहे रमजान के दौरान प्रतिदिन शाम को तराबी के लिए मुस्लिमों को दक्षिणी गेट से भी प्रवेश दिया जाए और नमाज के लिए भी दक्षिण गेट को निरंतर खोला जाए। मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि बेवजह मुस्लिम समाज का उत्पीड़न करने के लिए इस तरह के निर्णय लिए जा रहे हैं जिनका भी निरंतर विरोध करते रहेंगे। कमेटी ने असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ एएसआई आरके सिंह को अपना ज्ञापन सौंपा और मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग उठाई।
Published on:
16 Mar 2018 05:45 pm
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