पट खुलते ही हरि बोल… के जयकारों संग भगवान की भक्ति में सैकड़ों हाथ उठ गए। पूरे दिन श्रीजगन्नाथ जी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती रही। जगन्नाथ जी की प्रिय स्तुति गीत गोविन्द व जगन्नाथ अष्टकम के साथ हरे रामा, हरे कृष्णा के कीर्तन पर भक्त खूब झूमे। श्री हरि के दर्शन के साथ प्रारम्भ हुआ जगन्नाथ जी का भात (भंडारा) देर रात तक चला। चार जुलाई, 2019 को श्री जगन्नाथ जी भक्तों को दर्शन देने के लिए मंदिर से बाहर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
बीमारी के कारण 15 दिन विश्राम करने के बाद आज नयनोत्सव में श्री जगन्नाथ जी ने भक्तों को दोपहर 12 बजे भोग आरती के साथ दर्शन दिए। 300 पकवानों का भोग लगाया गया, जिसे भक्तों द्वारा मंदिर में परिसर में ही पकाया गया था। बीमारे से उठे भगवान का कोलकाता से आई कटक सिल्क की पोशाक व सफेद फूलों व चंदन से हल्का श्रंगार किया गया। नयनोत्सव में पांच विशेष आरती ( दोपहर 12 बजे भोग आरती, शाम 4.30 बजे उत्थापन आरती, शामत 7 बजे गौर आरती, 8.30 बजे शयन आरती व रात 9 बजे बड़ा श्रंगार आरती) की गईं। इस अवसर पर मुख्य रूप से इस्कॉन मंदिर आगरा के अध्यक्ष अरविन्द स्वरूप, राहुल बंसल, नितेश अग्रवाल, कामता बाबू, गौरव बंसल, महावीर मंगल, केशव अग्रवाल, अमित मित्तल, अखिल बंसल, रमेश यादव, केशव अग्रवाल, डॉ. मयंक मित्तल, सिद्धार्थ गुप्ता, ओमप्रकाश अग्रवाल, अमित बंसल, राजीव मल्होत्रा, सूरज वर्मा, राजीव गुप्ता, बृजेश अग्रवाल, इंद्र कुमार बबेजा, अनिल शर्मा, भरत शर्मा, अखिल मोहन मित्तल, रमेश यादव, राजीव मल्होत्रा, सूरज वर्मा, अजय तिवारी, विपिन अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
श्री जगन्नाथ रथयात्रा का आयोजन अन्तर्राष्ट्रीय श्रीकृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा 4 जुलाई को किया जा रहा है। बल्केश्वर महादेव मंदिर से रथयात्रा का दोपहर दो बजे प्रारम्भ होगी। बल्केश्वर बाजार, कमला नगर मार्केट, मुगल रोड होते हुए रथयात्रा कमला नगर, रश्मि नगर स्थित इस्कॉन मंदिर पहुंचेगी।
शहर के श्रद्धालुओं द्वारा श्री जगन्नाथ मंदिर के लिए लगभग 1100 वर्ग गज भूमि कमलानगर एसएस कॉन्वेन्ट स्कूल के पास प्रदान की गई है। इस्कॉन आगरा के अध्यक्ष अरविन्द स्वरूप व वृन्दावन से आए इस्कॉन सचिव धर्मात्मा प्रभु ने बताया कि डॉ. बीडी अग्रवाल, टीकाराम विजय कुमार अग्रवाल, मोहनलाल अग्रवाल, राकेश मोहन उन्हारिया, शैलेन्द्र अग्रवाल, कान्ति प्रसाद अग्रवाल, रमा शंकर गोयल, सोम कुमार मीतल, मुरारी प्रसाद अग्रवाल, नीतेश अग्रवाल, सुभाष चंद्र गिरीश चंद्र अग्रवाल, राहुल बंसल, अमिल बंसल आदि द्वारा मंदिर के लिए भूमि प्रदान की गई है। आनन्देश्वर चैतन्य दास ने बताया कि भूमि के बाद ही मंदिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा।