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मेनका गांधी का बयान, केरल में हर साल मारे जा रहे 600 हाथी, मंदिर में रखे जाते हैं भूखे प्यासे

locationआगराPublished: Jun 05, 2020 03:07:18 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

मेनका गांधी ने कहा है कि केरल के मंदिरों में हाथियों की टांगें तोड़ दी जाती हैं, उन्हें मारा-पीटा जाता है और भूखे रखा जाता है जिसकी वजह से इन मंदिरों में हाथी दम तोड़ देते हैं

मेनका गांधी का बयान, केरल में हर साल मारे जा रहे 600 हाथी, मंदिर में रखे जाते हैं भूखे प्यासे

मेनका गांधी का बयान, केरल में हर साल मारे जा रहे 600 हाथी, मंदिर में रखे जाते हैं भूखे प्यासे

आगरा. केरल में गर्भवती हथिनी को विस्फोटक अनानास खिलाकर उसे मारने (Elephant Death in Kerala) पर पूरे देश में आक्रोश है। सोशल मीडिया पर लोग लगातार गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इस बीच आगरा के सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस ने केरल के मुख्यमंत्री व पिनराई विजयन व जीव जन्तु कल्याण बोर्ड और प्यूपिल फाॅर एनीमल की मेनका गांधी (Maneka Gandhi) को पत्र लिखकर घटना की जांच कर कार्यवाही की मांग की है। नरेश पारस के पत्र पर मेनका गांधी ने बड़ा बयान दिया है। मेनका गांधी ने कहा है कि केरल के मंदिरों में हाथियों की टांगें तोड़ दी जाती हैं, उन्हें मारा-पीटा जाता है और भूखे रखा जाता है जिसकी वजह से इन मंदिरों में हाथी दम तोड़ देते हैं। अब तक 600 हाथी दम तोड़ चुके हैं। वहां के मंदिरों में हाथी के निजी मालिक उनका बीमा कराते हैं और इसके बाद उन्हें पानी में डुबाकर मार देते हैं या फिर इन पर जंग लगे कील ठोके जाते हैं।
मेनका गांधी ने आगे कहा, ‘मैं हर हफ्ते विभाग से एक हाथी या दूसरे के बारे में जानकारी लेती हूं। लेकिन विभाग से कोई कुछ नहीं करता। वर्तमान में एक युवा हाथी है जिसे एक मंदिर में पीटा जा रहा है और उसके पैरों को फैलाकर चार दिशाओं में जमीन से बांध दिया गया है। मुझे शिकायत किए हुए एक महीना हो चुका है और कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वह भी जल्द ही मर जाएगा। मल्लापुरम अपनी गहन आपराधिक गतिविधि के लिए विशेष रूप से जानवरों के संबंध में जाना जाता है। एक भी शिकारी या वन्यजीव हत्यारे के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए वे ऐसा करते रहते हैं। मैं केवल सुझाव दे सकती हूं। आप भी उनको कॉल अथवा ईमेल के माध्यम से कार्यवाई के लिए कहें।’
पशु क्ररता अधिनियम के तहत हो कार्रवाई

सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस ने आरोपियों के खिलाफ क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि यह पशु क्रूरता की सारी हदों का पार कर देने वाली घटना है। उस बेजुबान गर्भवती हथिनी के साथ हुए अत्याचार पर अपराधियों के विरूद्ध क्रूरता अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि शुक्रवार को हुई कार्रवाई में एक व्‍यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और तीन से पूछताछ हुई है।

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