अधिवेशन में महापौरों को अधिकार सम्पन्न बनाने पर मंथन होगा। 74वां संविधान संशोधन इसलिए किया गया था ताकि अपने शहर का विकास जनता के चुने हुए प्रतिनिधि करें। उत्तर प्रदेश में वास्तविक रूप से ऐसा नहीं हो पा रहा है। नगर निकायों में आज भी मेयर से अधिक अधिकार नगर आयुक्त को होते हैं। मेयर शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं। अगर मेयर सत्ताधारी दल का है तो उसकी बात सुन ली जाता है, लेकिन अगर विरोधी दल का है तो कोई नहीं सुनता है। अधिवेशन में इस विषय पर खासतौर पर चर्चा होगी।
आगरा के महापौर नवीन जैन ने बताया कि दो दिन के अधिवेशन में पहले दिन कई सत्रों में विचार मंथन होगा। 28 जुलाई को ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर का चुनाव होगा। ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर के अध्यक्ष ग्वालियर के महापौर विजय शेजवलकर हैं। इस पर नया अध्यक्ष चुना जाना है। महापौर समूह में ताजमहल का भ्रमण करने भी जाएंगे।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री, केन्द्रीय नगर विकास मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना आदि को आमंत्रण भेजा गया है। उन्होंने कहा कि आगरा के लिए यह सौभाग्य की बात है कि आगरा में महापौरों का अधिवेशन होने जा रहा है। पूरा आगरा स्वागत के उत्सुक है। तैयारियों चल रही हैं।