6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘अंदर का बुखार’ है तो हो जाएं सचेत, उदासी रोग के हैं संकेत

मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय आगरा के अधीक्षक डॉ दिनेश राठौर का कहना है कि जिसे लोग अंदर का बुखार समझते हैं असल में मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के संकेत हैं।

less than 1 minute read
Google source verification

आगरा

image

Amit Sharma

Dec 15, 2019

‘अंदर का बुखार’ है तो हो जाएं सचेत, उदासी रोग के हैं संकेत

‘अंदर का बुखार’ है तो हो जाएं सचेत, उदासी रोग के हैं संकेत

आगरा। शरीर का ताप अगर बढ़ा और थकान व कमजोरी महसूस होने को अक्सर लोग ‘अंदर का बुखार’ मानकर चलते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि चिकित्सकीय टर्म में ऐसी कोई डाग्नोसिस है ही नहीं। यानि कि जिसे आप अंदर का बुखार समझते हैं, असल में वह कोई बुखार नहीं बल्कि कुछ और है। मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय आगरा के अधीक्षक डॉ दिनेश राठौर का कहना है कि जिसे लोग अंदर का बुखार समझते हैं असल में मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के संकेत हैं।

यह भी पढ़ें- मनोबल सबसे बड़ी ताकत, इस तरह नाकारात्मकता रखें दूर

डॉ दिनेश राठौर का कहना है कि पर्याप्त चिकित्सकीय परीक्षण के पश्चात भी अगर रिपोर्ट्स में कुछ भी असामान्य नहीं आ रहा है लेकिन व्यक्ति केवल अनुभव कर रहा है तो यह उदासी रोग और तनाव के लक्षण हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए न कि फिजीशियन से। क्योंकि यह परेशानी बुखार या सिर दर्द की दवाओं से दूर नहीं होगी बल्कि मानसिक स्वास्थ्य से संबंधी इलाज करवाना होगा।

ये हैं लक्षण

शरीर का ताप बढ़ा हुआ महसूस होना

मुंह का स्वाद कड़वा लगना

कुछ भी खाने का मन नहीं करना
कमजोरी, थकावट, ऊर्जा की कमी महसूस होना

किसी भी कार्य में मन नहीं लगना