प्रो एस पी सिंह बघेल उत्तर प्रदेश के आगरा से भारतीय जनता पार्टी टिकट पर 2019 में सांसद चुने गए थे। वह 7 जुलाई 2021 को मोदी सरकार के दूसरे कैबिनेट विस्तार में कानून मंत्री बनाए गए थे। इससे पहले वह UP की योगी सरकार में मंत्री भी रह चुके है। लेकिन इस बार जिस तरह से आगरा में भाजपा मेयर चुनाव जीती है उसे देखकर लोग मानकर चल रहे थे कि उन पर देर सबेर कार्रवाई होगी।
एस पी सिंह बघेल का हाल में में दिया गया बयान काफी चर्चा में रहा। बघेल ने कहा था कि जो मुसलमान दिखाता है कि वो उदार है, वो सिर्फ ढोंग करता है। उन्होंने दावा किया कि ऐसे मुसलमान उप-राष्ट्रपति या राज्यपाल जैसे पद पाने के लिए उदारवादी होने का ढोंग करते हैं। सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। उनके इस बयान को मीडिया में काफी सुर्खियां मिली थीं। उनके इस बयान से भी भाजपा हाईकमान काफी नाराज चल रहा था। इसके चलते जब सरकार ने किरण रिजिजू से मंत्रालय वापस लिया गया तो उसी समय बघेल से भी उनका मंत्रालय वापस ले लिया गया।
हालांकि पार्टी ने एस पी सिंह बघेल का मंत्री पद बरकरार रखा। राष्ट्रपति सचिवालय की तरफ से जारी किए गए प्रेस नोट के मुताबिक उन्हें कानून मंत्रालय से हटाकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भेज दिया गया। इस विभाग के मंत्री मनसुख मांडविया हैं।
बघेल से कानून जैसा बड़ा मंत्रालय छीनने के बाद अब सवाल उठने लगा है कि क्या 2024 में पार्टी उनका टिकट भी काट सकती है। इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक तौर पर तो कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन पार्टी ने संकेत दिए है कि चुनाव से पहले उसके कराए सर्वे में जिस सांसद की रिपोर्ट निगेटिव आएगी। उसे पार्टी अगले चुनाव में टिकट नहीं देगी।
निकाय चुनाव के तुरंत बाद मंत्रालय बदलने पर एस पी सिंह बघेल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी और किरण रिजिजू के मार्गदर्शन में राज्यमंत्री (विधि एवं न्याय) के रूप में सेवा करना एक सौभाग्य और सम्मान की बात रही है।
मैं भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों, मुख्य न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, निचली न्यायपालिका और पूरे कानून अधिकारियों एवं कर्मचारियों को न्याय की आसानी करने और हमारे नागरिकों के लिए कानूनी सेवाएं प्रदान करने में समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।”
1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद बघेल मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा में शामिल किये गये लेकिन अपनी निडरता, मेहनत और ईमानदारी के बल पर उन्होंने मुलायम सिंह यादव का भी दिल जीत लिया. मुलायम सिंह यादव ने उनको जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर 1998 में पहली बार उतारा और वह जीते। उसके बाद दो बार सांसद चुने गए। 2010 में बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में भेजा। साथ ही राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी भी दी। लेकिन 2014 में बसपा से इस्तीफा देकर वह भाजपा में शामिल हो गए और फिरोजाबाद लोकसभा से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के सामने चुनाव लड़े। हालांकि वह यह चुनाव हार गए। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें पार्टी के पिछड़ा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। वह बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में भूमिका निभाई।
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योगी सरकार में बने मंत्रीपिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष और अमित शाह का करीबी होने के कारण पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें आगरा के टूंडला विधानसभा से प्रत्याशी बनाया और वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इसके बाद 2017 में प्रदेश में बनी योगी सरकार में भी मंत्री बनाया गया। लेकिन 2019 में ही उन्हें आगरा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया गया। इस चुनाव में भी बघेल जीत गए इसके बाद 2020 में आई कोरोना महामारी में लोगों के लिए की गई उनकी सेवा के बाद पार्टी ने उन्हें केंद्र में मंत्री बना दिया।