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वैश्विक शांति और विकास के लिये पाकिस्तान का न होना ही आवश्यक: लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह

'No More Pakistan Movement' के अंतर्गत आगरा में हुई संगोष्ठी में लेफ्टिनेंट जनरल एवं डायरेक्टर जनरल मिलिट्री इंटेलिजेंस लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह ने कहा...

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आगरा

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Dhirendra yadav

Jun 11, 2019

 No More Pakistan Movement

No More Pakistan Movement

आगरा। "No More Pakistan Movement" के अंतर्गत आगरा में हुई संगोष्ठी में लेफ्टिनेंट जनरल एवं डायरेक्टर जनरल मिलिट्री इंटेलिजेंस लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह ने कहा कि वैश्विक शक्ति संतुलन व अपनी सामरिक दृष्टकोण आधार पर आज यही यथार्थ है कि वैश्विक शान्ति व क्षेत्रीय शान्ति, विकास के लिए पाकिस्तान का न होना ही आवश्यक है। भारत का उभरता हुआ सामरिक रणनीति, वैश्विक व क्षेत्रीय शक्ति संतुलन तथा विभिन्न भविष्यवाणियों एवं साक्ष्यों के यथार्थ का विश्लेषण कर यह कहा जा सकता है कि पाकिस्तान का विघटन या विलोप का आधा सत्य 1971 बांग्लादेश का अभ्युदय रहा, तो आधा सत्य 2027 तक वलरिस्तान, सिन्धुदेश, महाजिरस्तान, पंजबिस्तान, बलूचिस्तान, तालिबनिस्तान, पस्तूनिस्तान, व शारदापीठ अँचल ( उदभण्डा) जैसी क्षेत्रीय स्मिता के पहचान की प्राप्ति के साथ पूर्ण होगा। 1947 के 24 वर्ष बाद पूर्वी पाकिस्तान 1971 में बांग्लादेश बन गया, तो 1971 से आज 48 वर्ष बाद पश्चिमी पाकिस्तान। आज का पाकिस्तान के अन्दर अनेकानेक संप्रभुत्व सम्पन्न राष्ट्रों में बिखरने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो चुकी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि चीथड़ों में लिपटी पाकिस्तान की अखंडता 2032 तक टुकड़ों टुकड़ों में बिखर जाएगा और बलूचिस्तान, महाजिरस्तान, सिन्धुदेश, पस्तुनिस्तान, पंजबिस्तान, वलवारिस्तान, शारदापीठ अँचल व भारत सहित अन्य क्षेत्रीय देशों को मिलाकर "भारतीय परिसंघ" का उदय ही क्षेत्रीय शान्ति तथा विकास की गारण्टी देगा और विश्व भी आतंकवाद से निजाद पायेगा तथा मानवता सुरक्षित होगी।