
आगरा। ताजमहल का शहर कई ऐतिहासिक धरोहरों को संजोए हुए है। फतेहपुर सीकरी, आगरा किला, एत्मादौला जैसी कई इमारतें हैं। कुछ इमारतें ऐसी भी हैं, जिनके बारे में किसी को पता ही नहीं था। उन्हीं में से एक है लोदी का मकबरा। राष्ट्रीय राजमार्ग अकबर का मकबरा, सिकंदरा के पास स्थित लोदी के मकबरा का निर्माण 1517 में हुआ था। इस स्मारक के बारे में तरह-तरह की बातें कही जाती थीं। इसकी असली पहचान सन 2002 में हो सकी। 17 साल पहले तक यह मकबरा महज एक खंडहर की तरह दिखता था, लेकिन अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया गया है। इस समय लोदी का मकबरा देखने लायक है।
ये है कहानी
इतिहासकार डॉ. राजकिशोर राजे ने बताया कि सिकंदरा के बाहर जो ये इमारत थी, इसे बहुत पहले जहांगीर का विश्राम गृह बताया जाता था, लेकिन ये इमारत इतनी छोटी है कि ये नहीं लगता था, कि इसमें हिन्दुस्तान का बादशाह रुकता होगा। 2002 में इस पर काम किया तो पाया कि ये जहांगीर का निवास स्थान नहीं है। जांच करने पर पता चला कि ये स्थान सिकंदर लोदी का मकबरा है। क्योंकि जिस दिन सिकंदर लोदी की मृत्यु हुई थी, उसी दिन उसका बेटा इब्राहिम लोदी आगरा में गद्दी पर बैठा था। आज सिकंदर लोदी का मकबरा दिल्ली में है। तो ये मुमकिन नहीं है कि इब्राहिम लोदी उसी दिन आगरा आकर गद्दी पर बैठा, जिस दिन इब्राहिम लोदी की मृत्यु हुई थी। इसलिए तथ्य ये साफ हुआ कि सिकंदर लोदी को पहले आगरा में दफना दिया गया और बाद में बेटा सिंहासन पर बैठ गया। इसके बाद सिकंदर लोदी के शव को दिल्ली में ले जाकर दफनाया गया।
Published on:
24 Oct 2019 03:58 pm
बड़ी खबरें
View Allआगरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
