
आगरा। युवाओं में satta bazar का क्रेज देखने को मिल रहा है। Satta King के फैलाए जाल में युवा फंस रहे हैं। खिलाड़ियों में भी Satta बाजार का मोह देखा जा सकता है। शहर ही नहीं बल्कि देहात क्षेत्रों में सट्टा की खाईबाड़ी की जा रही है। शार्टकट से पैसे कमाने की चाह में युवा फंस रहे हैं। कभी क्रिकेट में पांच हजार रुपये के दस हजार रुपये बनाने के चक्कर में Satta लगाया जा रहा है तो कभी एक के 95 करने के लिए सट्टे के धंधे में जा रहे हैं। पत्रिका ने कुछ ऐसे खिलाड़ियों से बात की तो पूरा खेल निकलकर सामने आया। Satta King श्याम बोहरा जेल में हैं लेकिन, खाईबाड़ी करने वाले अभी भी बदस्तूर इस धंधे को चला रहे हैं।
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सट्टा बाजार में रोजाना करोड़ों के दांव
क्रिकेट की दुनियां में जहां आईपीएल ने सट्टा बाजार को चमकाया है तो वहीं कई अन्य खेलों पर भी सट्टा किंग लंबे चौड़े दांव लगाते देखे जा सकते हैं। सट्टा बाजार में रोजाना करोड़ों रुपये दांव लगते हैं किसी की किस्मत में सिक्कों की खनक होती है तो कोई अपनी हार के गम में संजीदा होता है। खिलाड़ियों में भी online satta बाजार का क्रेज देखने को मिल रहा है। नाम न प्रकाशित शर्त पर एक बड़े खिलाड़ी ने जानकारी दी कि टी.20 मैच में सबसे अधिक सट्टा बाजार गर्म रहता है। वहीं आजकल आॅनलाइन Satta गेम भी उपलब्ध हैं। जिन पर खेलकर रोजाना हजारों रुपये कमाए जा सकते हैं। खिलाड़ी आॅनलाइन सट्टा खेलना अधिक पसंद करते हैं। आॅनलाइन गेम में रिस्क कम रहता है और बदनामी का भी डर नहीं रहता है।
पांच के दस हजार का लालच
सट्टा बाजार के बुकी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर जानकारी दी कि आज कल क्रिकेट के साथ साथ फुटबॉल पर भी सट्टा लगाया जा रहा है। कई देशों के खिलाड़ियों पर अच्छी खासी रकम लगाई जाती है। क्रिकेट रोजाना नहीं होता है लेकिन, क्लब के फुटबॉल मैच रोज ही होते हैं, जिन पर पैसा लगाकर पांच के दस हजार किए जाते हैं। वहीं टी 20 मैच में कई तरह से सट्टे के दांव खेले जाते हैं। मसलन हार जीत पर डबल का दांव, खिलाड़ियों के रन पर रुपये और बॉलर के विकेट लेने पर अलग अलग दांव लगाए जाते हैं।
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एक के 95 का लालच
कई क्षेत्रों में आजकल सट्टे की खाईबाड़ी भी जोरों पर है। सट्टे का खेल खिलाने वाले लाखों का दांव जनपदों के छोटे छोटे गांव से लगवाते हैं। पुलिस का खौफ इन सट्टेबाजों को नहीं है। कहते हैं कि सब सेटिंग का खेल है। जब पूछा कि कैसे रुपये का लेनदेन होता है तो बताया कि पर्ची पर नंबर लगाए जाते हैं। मसलन आज 02, 05, 10 या फिर 95 ऐसे नंबर ग्राहक लगाते हैं। जो एक रुपये से लेकर लाखों रुपये के होते हैं। जिसकी किस्मत का सितारा बुलंद होता है वो दांव जीत जाता है। जब सटोरिए से पेमेंट की बात पूछी गई तो उसने बताया कि एक रुपये पर 95 रुपये दिए जाते हैंं। नंबर की पर्ची ग्राहक जब दूसरे दिन देता है तो उसे पेमेंट कैश में दे दिया जाता है। यदि लाखों का पेमेंट होता है तो थोड़ा समय लगता है। बेईमानी का ये धंधा पूरी ईमानदारी से चलता है।
Updated on:
05 Sept 2018 12:00 pm
Published on:
04 Sept 2018 05:44 pm
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