नारी अस्मिता समिति की संस्थापक डॉ. शशि प्रभा जैन का कहना है कि हैदराबाद की पुलिस ने सही मायने में देश की डॉक्टर बेटी के साथ इंसाफ किया है। अब उसकी आत्मा को शायद शांति मिल सके। ऐसे मामलों में आरोपियों पर तुरंत कार्रवाई जरूरी होती है। हैदराबाद पुलिस इस कार्रवाई के लिए प्रशंसा की पात्र है।
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वहीं शांति सेना की संस्थापक डॉ. वत्सला प्रभाकर का कहना है कि जब किसी महिला के साथ दुष्कर्म जैसी हैवानियत होती है तो वो शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी टूट जाती है। ऐसे में उसे इंसाफ के लिए वर्षों कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं तो उस पर क्या बीतती होगी, इस बात का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। साथ ही इससे आरोपियों के हौसले बुलंद होते हैं। हाल ही उन्नाव के मामले में ये सामने आया है। क्या कसूर था उस लड़की का? पहले उसके साथ दुष्कर्म किया गया। इंसाफ के लिए वो कोर्ट के चक्कर लगाने को मजबूर हुई। कुछ समय जेल में बंद रहने के बाद आरोपियों को जमानत पर छोड़ दिया गया। तारीख पर जाते समय उन आरोपियों ने पीड़िता को जिंदा जला दिया। अब वो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। ऐसे मामलों में आरोपियों पर त्वरित कार्रवाई बहुत जरूरी होती है। हैदराबाद पुलिस को इस कार्रवाई के लिए बधाई। यह भी पढ़ें
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लीडर्स आगरा के सचिव सुनील जैन का कहना है हमारे देश में निर्भया का कांड जब हुआ था, तब देश में इसी तरह लोग इंसाफ के लिए सड़कों पर उतर आए थे। पीड़िता की मौत के बाद उसके परिवार ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए इंसाफ की मांग की। लेकिन आज इतने सालों बाद भी उसके आरोपी जिंदा हैं। इस तरह के मामलों में आरोप सिद्ध होने के बाद भी आरोपियों के साथ नरमी बरती जाती है, तो इससे पीड़ित ही नहीं उसका पूरा परिवार टूटता है। हैदराबाद की डॉक्टर बेटी के साथ इन आरोपियों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। ऐसे में उनके साथ जो हुआ, ठीक हुआ। हैदराबाद पुलिस के इस कदम की सराहना की जानी चाहिए। आगरा कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. राजकुमारी शर्मा ने कहा कि हैदराबाद पुलिस की इस कार्रवाई के बाद देश की बेटी और परिवार को न्याय मिला है। वहीं शिवाजी नगर निवासी प्रमिला अरोरा ने देश को शर्मसार कर देने वाली हैदराबाद की इस घटना के बाद पुलिस ने जो किया है, वो सराहनीय है। भले ही कानून की दृष्टि से लोग इसे गलत कहें, लेकिन सच यही है कि ऐसे लोग देश के लिए कलंक होते हैं। इनको बख्शा नहीं जाना चाहिए।