
बीमार पड़ रहे बच्चे, स्कूल का समय बदलवाने की मांग
आगरा। उमसभरी गर्मी ने बच्चों को बीमार कर दिया। मंगलवार को कई विद्यालयों में बच्चे बीमार हुए तो बुधवार को भी यही हालत रही। प्राथमिक विद्यालय बरपुरा में गर्मी से बच्चों की हालत खराब हो गई। बच्चों को उल्टी और चक्कर आना शुरू हो गए। प्राथमिक विद्यालय जैतपुर में भी बच्चे बीमार पड़ गए। प्राथमिक शिक्षक संघ ने बच्चों के बीमार पड़ने पर चिंता व्यक्त की है। जिलाधिकारी और सीडीओ को प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने परिषदीय विद्यालयों के समय परिवर्तन और शिक्षकों की सात सूत्रीय समस्याओं का एक ज्ञापन सौंपा है।
प्राथमिक शिक्षक संघ आगरा के नगर मंत्री राजीव वर्मा का कहना है कि बुधवार को प्राथमिक विद्यालय बरपुर सैंया में चार बच्चे भीषण गर्मी में बीमार पड़ गए। सचिन कुमार, रौनक, प्रिंस और विष्णु कुमार के बीमार पड़ते ही उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराना पड़ा। वहीं प्राथमिक विद्यालय जैतपुर में एक बच्चा बीमार पड़ गया, जिसे उपचार के लिए भर्ती कराया गया। राजीव वर्मा का कहना है कि जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार संघ की समय परिवर्तन की मांग को मानते हुए जल्द इसकी घोषणा करने की बात कही है।
सात सूत्रीय मांगों को लेकर सीडीओ से मिले शिक्षक
संघ ने शिक्षकों की सात सूत्रीय समस्याओं के निराकरण के लिए सीडीओ रविंद्र कुमार मादंड से भी मुलाकात की। सीडीओ के सामने शिक्षकों ने समस्याएं रखीं। संघ के नगर मंत्री राजीव वर्मा ने बताया कि सीडीओ ने समस्त समस्याओं के निराकरण के लिए अति शीघ्र बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी के साथ संघ के सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर समस्याओं का निस्तारण कराने का आश्वासन दिया है। एडीएम सिटी केपी श्रीवास्तव ने भी शिक्षकों की मांग को अति शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया। इस मौके पर निधि श्रीवास्तव, कीर्ति दुबे, मो. फैसल, राजवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।
ये रखीं मांगें
संघ का कहना है कि मिड डेमील व्यवस्था के लिए नगर के विद्यालयों में पांच से छह महीने से कंवर्जन कॉस्ट, रसोईया का मानदेय और फल वितरण के लिए धनराशि नहीं आई है। अधिकांश परिषदीय विद्यालय अभी भी जर्जर भवन अथवा भवनहीन चल रहे हैं। विद्यालयों में बिजली, पानी और शौचालयों की व्यवस्था का अभाव है। नगर के 166 परिषदीय विद्यालयों में मात्र 200 के करीब शिक्षक कार्य कर रहे हैं। कई विद्यालय शिक्षक विहीन हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए इन विद्यालयों में से किसी भी शिक्षक को कार्यालय से संबद्ध न किया जाए। शासन द्वारा दिए गए जूतों में साइज की समस्या के चलते अभी तक वितरण नहीं हो सका है। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को जीपीएफ की लेखापर्ची या पासबुक अतिशीघ्र उपलब्ध कराई जाए, जिससे अपने जीपीएफ की वस्तुस्थिति से अवगत हो सकें।
Published on:
11 Jul 2018 07:07 pm
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