
आरएसएस
आगरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इन दिनों गुरु दक्षिणा कार्यक्रम मना रहा है। शाखाओं पर गुरु दक्षिणा कार्यक्रम हो रहे हैं। इनमें स्वयंसेवक अपनी श्रद्धानुसार धन अर्पण करते हैं। सिकंदरा के शास्त्रीपुरम स्थित राधे गार्डन में केशव शाखा के गुरु दक्षिणा कार्यक्रम में आरएसएस को कलयुग में भगवान का अवतार बताया गया।
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ज्ञान तब तक सार्थक नहीं
आरएसएस के महानगर सेवा प्रमुख अवधेश ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा- हमारी संस्कृति यज्ञ है। जो कुछ हमें प्राप्त हुआ है, उसके बदले देना यज्ञ है। हमारे यहां जब यज्ञ होते हैं तो संकल्प दिलाया जाता है। कुछ भी नहीं है तो चावल ही हाथ में लेकर संकल्प दिलाते हैं। बिना यज्ञ के जीवन की सार्थकता नहीं है। आपका ज्ञान तब तक सार्थक नहीं, जब तक आप गुरु को कुछ दें नहीं।
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संघे शक्ति कलयुगे
उन्होंने कहा कि यह कालखंड बड़ा सौभाग्यशाली है। हमारे यहां अवतारवाद की परंपरा है। जब धर्म का हानि होती है तो परमात्मा धरा पर आते हैं। कलयुग में संघे शक्ति कलयुगे। कलयुग में केवल संगठन की शक्ति है। इसलिए परमपिता परमेश्वार ने संगठन के रूप में यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रूप में, इसके वैचारिक रूप में अवतार लिया है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम संघ के अंग बने हैं। हमें अपनी भूमिका का निर्वाह करना है।
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संघ का काम परमात्मा का काम
श्री अवधेश ने कहा-तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, चाहता हूं देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं, यह भाव हमारे मन में होना चाहिए। इसी में जीवन की सार्थकता है। बहुत कम लोग हैं, जो संघ को पूरी तरह समझे हैं। संघ को समझना है तो हमें कार्य करना होगा। समाज का कार्य करना होगा। संघ ही है, जो देश और समाज की चिन्ता करता है। संघ का कार्य देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले लोग तैयार करना है। हम इसमें पूरी रह सफल हो रहे हैं। संघ का कार्य कभी न रुकने वाला है। संघ का काम करना परमात्मा का काम करना है।
Published on:
22 Jul 2018 01:00 pm
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