scriptबड़ी लापरवाही; आईसीयू में भर्ती मरीज के लिए दिया इस्तेमाल किया इंजेक्शन, परिजनों ने काटा बवाल | Rejected injection given patient admitted in ICU Uproar Rashmi Medicare Hospital in Agra | Patrika News
आगरा

बड़ी लापरवाही; आईसीयू में भर्ती मरीज के लिए दिया इस्तेमाल किया इंजेक्शन, परिजनों ने काटा बवाल

UP Crime: यूपी की ताजनगरी आगरा के एक अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां आईसीयू में भर्ती 80 साल के बुजुर्ग को लगाने के लिए स्टाफ ने इस्तेमाल किया इंजेक्‍शन दे दिया। जानकारी पर परिजनों ने हंगामा कर दिया।

आगराDec 09, 2023 / 09:20 am

Vishnu Bajpai

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Big Negligence in Agra: उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा के एक निजी अस्पताल में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां आईसीयू में भर्ती 80 साल के बुजुर्ग को इस्तेमाल किया गया इंजेक्‍शन लगाया जा रहा था। हालांकि समय रहते परिजनों ने उसे देख लिया। इसके बाद अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। इसकी सूचना पर पहुंचे डॉक्टरों ने स्टाफ की लापरवाही से पल्ला झाड़ लिया और सारा ठीकरा मेडिकल स्टोर संचालक के ऊपर फोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि इस इंजेक्‍शन पर 4 हजार रुपये एमआरपी है। जबकि बाजार में यह इंजेक्‍शन 800 रुपये का उपलब्‍ध है। वहीं अस्पताल में स्थित मेडिकल स्टोर संचालक ने उन्हें यही इंजेक्‍शन 1100 रुपये में दिया था। औषधि निरीक्षक को मामले की जांच सौंपी गई है।
ताजनगरी में लापरवाही का यह मामला कमलानगर के मुगल रोड स्थित एक रश्मि मेडिकेयर अस्पताल का है। फिरोजाबाद भारतीय किसान यूनियन की जिलाध्यक्ष भावना अग्रवाल ने बताया कि बुधवार को उनके 80 साल के ससुर सुरेश चंद्र अग्रवाल को बेचैनी और घबराहट होने लगी। इसपर उन्हें आगरा के रश्मि मेडिकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। इसके बाद दवाएं मंगाने को कहा। ससुर का हेल्‍थ इंश्योरेंस होने के चलते उन्होंने अस्पताल परिसर में स्थित नेशनल मेडिकल स्टोर से दवाएं लीं। मेडिकल स्टोर संचालक ने उन्हें दवाएं न देकर सीधे आईसीयू में पहुंचा दिया।

फिरोजाबाद भारतीय किसान यूनियन की जिलाध्यक्ष भावना का कहना है कि आईसीयू में स्टाफ ने इंजेक्‍शन का रैपर खोला। इस दौरान काल्स्टीमेथेट सोडियम इंजेक्शन में डिस्टिल्‍ड वाटर पहले से ही मिला था। इसपर उन्होंने इंजेक्‍शन लगाने से मना कर दिया। भावना का आरोप है कि जब उन्होंने इसकी शिकायत मेडिकल स्टोर संचालक से की तो वह उन्हें गुमराह करने लगा। काफी देर तक हंगामे के बाद संचालक ने बताया कि किसी तीमारदार ने इंजेक्शन वापस किया होगा उसे चेक नहीं कर पाए, इसलिए गड़बड़ी हुई है। दूसरा इंजेक्शन दे दिया। सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि जांच कराई जाएगी। भावना का आरोप है कि पहले दिन मेडिकल स्टोर संचालक ने उन्हें दवाएं भी कम दी थीं।
इस मामले में रश्मि मेडिकेयर अस्पताल के संचालक डॉ. शुभम सिंघल ने बताया कि मेडिकल स्टोर अस्पताल परिसर में किराए पर चल रहा है। उसका अस्पताल से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं नेशनल मेडिकल स्टोर संचालक सुनील अग्रवाल ने बताया कि हमारे यहां सभी दवाएं बिल पर दी जाती हैं। कंपनी से दवाओं की आपूर्ति में ही कुछ गड़बड़ी हुई है। हालांकि इंजेक्‍शन और दवाएं देने से पहले मेडिकल स्टाफ को जांच करनी चाहिए। इस मामले में पता चलते ही इंजेक्‍शन बदल दिया गया था।
-आगरा से प्रमोद कुशवाहा की रिपोर्ट

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