
paveen togadiya
अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया के बारे में ढोल पीटने वाले कह रहे हैं कि उन्होंने यह कर दिया, उन्होंने वह कर दिया, हिन्दुओं को तोड़ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत से पूछो जिन्होंने डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया के बारे में प्रचारकों से कहा कि एक श्रेष्ठ, नेक और राष्ट्रभक्त को हम खो रहे हैं। रही बात हिन्दुओं को तोड़ने की तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साढ़े चार वर्षों में क्या किया? दिल्ली की सड़कों के नाम आज भी अकबर, मुगल, औरंगजेब आदि के नाम से हैं। पूर्ण बहुमत के बाद भी न दिल्ली की सड़कों के नाम बदले, ना राम मंदिर बना, ना धारा 370 हटी। समान नागरिक कानून, कन्वर्जन एक्ट, गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध आदि विषयों पर सरकार ने क्या किया?
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संघ परिवार की इच्छा
संघ में निष्ठावान अनेक स्वयंसेवक प्रचारक आज भी हैं, पर उनकी दुर्दशा हो रही है। जो प्रचारक सैद्धांतिक बात करता है, उसको आयाम व गतिविधि या उसको घर भेज देते हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व संघ विचार परिवार के करोड़ों कार्यकर्ताओं के परिवारों की इच्छा रही है कि उनके परिवार को आर्थिक सहयोग के रूप में सरकार से काम या नौकरी मिले। 24 लाख नौकरी सरकार दे सकती है। आरएसएस की शाखा के एक गटनायक के घर से एक बच्चा नौकरी पर जा सकता है। जो व्यक्ति, जो समाज और जो देश अपने संरक्षण का काम नहीं करता, वह डूब जाता है। इसके अनेक उदाहरण हैं। सरकार किसी को नौकरी या काम नहीं दे रही है।
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भाजपा कार्यकर्ताओं को फर्श बिछाने का काम
आज भी कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और अनेक पार्टियों के लोग भारतीय जनता पार्टी की सरकार में काम लेते हैं, उनके काम होते हैं लेकिन भाजपा कार्यकर्ता तो ठगा सा महसूस करता है। फर्श बिछाने का काम उसको दिया जाता है। जब टिकट की बात आती है तो हम जीतने की बात करते हैं। बाहुबली और अनेक पार्टियों के गुंडे मवालियों को टिकट देकर उनको राज्यसभा, विधानसभा और लोकसभा में बिठाते हैं। यहां तक कि विद्यार्थी जीवन में भी जब महाविद्यालय में चुनाव होते हैं, तो यही काम वहां भी करते हैं।
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संघ का निर्माण क्यों
बंधुओं, यह बात मैं वेदना के साथ लिख रहा हूं कि आप में से बहुत कम लोग शाखा में प्रतिदिन जाते होंगे। उनमें से भी गटनायक का काम बहुत कम लोग करते हैं। उसमें से भी बहुत कम लोग ध्येय के लिए समर्पित होंगे, जो प्रचारक के रूप में निकलते होंगे। आरएसएस के द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिव राव गोलवलकर (गुरुजी) का सपना था कि समाज जीवन में जितने भी संगठन चल रहे हैं, उनको एक छत के नीचे लाकर हमें छाते का काम करना है। क्या वास्तव में यह काम हो रहा है? डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार की प्रेरणा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का निर्माण हुआ। उस समय की कांग्रेस जो आजादी के लिए लड़ रही थी, उसमें डॉक्टर हेडगेवार भी काम कर रहे थे। उन्होंने विचार किया कि इस कांग्रेस में समर्पित ध्येयनिष्ठ चरित्रवान लोगों की कमी है। मुट्ठीभर सत्ता की लोलुपता के भेड़िए संगठन पर कब्जा कर रहे हैं और देशभक्तों का अपमान हो रहा है। न सरदार पटेल बोलते थे न ही कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी बोलते थे, न ही बाबू राजेंद्र प्रसाद बाबू बोलते थे। इन सबको छोड़कर उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गठन किया। क्या उस समय की राष्ट्रवादी विचार के लोगों ने जैसे आप चिल्ला रहे हैं, यह शब्द बोले होंगे या नहीं बोले होंगे, विचार करना।
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संघ के उद्देश्यों का पालन नहीं
आज भी क्या जिन उद्देश्यों के लिए संघ का निर्माण हुआ था, उनका पालन हो रहा है। 20 राज्यों में सरकार हमारी है। केंद्र में पूर्ण बहुमत के साथ हम आज सरकार चला रहे हैं। राज्यसभा में भी थोड़ा बहुत कम हमारा ही वर्चस्व है। क्या हिन्दुओं ने हमको तीन तलाक व एससी एसटी एक्ट के संशोधन के लिए समर्थन दिया था? इससे तो हिन्दुओं में फूट ओर पड़ेगी। जो मूलबिन्दु थे, उनसे सरकार भटक चुकी है। इन सबके लिए तो कोई आवाज उठाएगा। आपमें से बहुत लोगों को मैं व्यक्तिगत जानता हूं। कितना आप में स्वयंसेवक तत्व है। शाखा में आपमें से बहुत कम लोग जाते होंगे। मैं आज भी प्रतिदिन शाखा जाता हूं। मैं स्वयंसेवक हूं, रहूंगा। इस निष्ठा के साथ हम विचारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारा मूल आधार तो संघ है। विश्लेषण है कि संघ की तर्ज पर अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद का एक महीने के अंदर संपूर्ण भारत में फैलाव हो गया है। संघ के अनेक ऐसे भी प्रचारक हैं, जो आंतरिक रुप से सहयोग कर रहे हैं।
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कई प्रचारक छोटी बस्ती में चाय तक नहीं पीते
मूलभूत बिंदुओं के लिए लड़ाई लड़ो, बेकार की बहस छोड़ो। बहस करने से कोई फायदा नहीं है। आप सच्चे पक्के हिन्दू बनें। फेसबुक पर लिख कर अपना समय बर्बाद ना करें। किसी भी लाइन को मिटाना है तो उससे बड़ी लाइन खींचनी होगी। हम यह मिटाने की बात नहीं कर रहे। हम यहां हिन्दू ही आगे की बात कर रहे हैं। एक हिन्दू श्रेष्ठ हिन्दू की बात कर रहे हैं। हम सब हिन्दू एक इस संकल्प की बात कर रहे हैं। अनेक प्रचारक तो ऐसे भी हैं जो छोटी बस्ती में चाय या जलपान भी नहीं करते। वह पूजनीय गुरु जी का अनादर करते हैं। आत्मीयता का व्यवहार ही सच्चे स्वयंसेवक की शाखा होती है। गरीब हिन्दू ऐसा है। हिन्दू का प्यार उस पल्लू में छानी हुई चाय के समान होता है, जिसकी मिठास शायद गुरूजी ने पी थी। आज लोग केवल गंदगी देख रहे हैं। उस पल्लू की, उस चाय की मिठास, उस व्यक्ति की आत्मीयता नहीं देख पा रहे हैं।
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बहस न कर राष्ट्र का कार्य करें
डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने 32 वर्ष विश्व हिन्दू परिषद के कार्य के लिए दिया। उन्होंने एक भी अपशब्द विश्व हिन्दू परिषद के लिए नहीं बोला है। संघ का स्वयंसेवक हूं, गर्व से उन्होंने यह बात कही है। मैं प्रार्थना करता हूं कि आप बहस न करें। हम सब राष्ट्र का कार्य करें। कुछ नासमझ इसको पढ़कर उल्टे कमेंट देंगे। हमको समझ लेना चाहिए कि वे स्वयंसेवक नहीं, फेसबुक के कीड़े हैं।
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प्रस्तुतिः मनोज कुमार
राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय बजरंग दल (अंतरराष्ट्रीय विश्व हिन्दू परिषद)
मुख्यालय आगरा।
Published on:
09 Aug 2018 05:00 pm
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