आगरा। मुसलमानों में 1400 वर्षों से प्रचलित एक बार में तीन तलाक यानी तलाक-ए- बिद्दत अब कानूनन अपराध होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक पर लाये गये अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद छह महीने तक यह अध्यादेश प्रभावी रहेगा। उसके बाद सरकार को या तो इसे बिल के तौर पर संसद से पास कराना होगा या दोबारा अध्यादेश लाना होगा। इस अध्यादेश को लेकर मुस्लिम विकास परिषद के नेता समी आगाई ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार तीन तलाक और हलाल में फंसा कर रखना चाहती है, मुस्लिमों का विकास नहीं चाहती है।
ये बोले नेता
भारतीय मुस्लिम विकास परिषद के अध्यक्ष समी आगाई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन तलाक पर तो बात करना चाहते हैं, लेकिन मुस्लिम महिलाओं रिजर्वेशन नहीं देना चाहते हैं, उनके उत्थान के लिए कोई खास योजना नहीं चलाना चाहते, जिससे मुस्लिम महिलायें अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।33 फीसद महिलाओं को आरक्षण देने की बात की गई, लेकिन 4 साल में कभी पीएम मोदी को महिलाओं के अधिकारों की याद कभी नहीं आई। ये सब राजनैतिक स्टंटबाजी है और कुछ नहीं। चूंकि चुनाव नजदीक है, इसलिए मुस्लिमों और मुस्लिम महिलाओं को अधिकारी देने के बजाये, तीन तलाक और हलाला इसमें उलझाये रखना है, जिससे ये इसमें ही अपने विकास को खोजते रहें और जो अधिकारी मांगने का प्रयास कर रहे हैं, वो न मिले। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की, कि मुस्लिम महिलाओं को कुछ देना ही है, तो उन्हें अधिकार दीजिये।
कैबिनेट का बड़ा निर्णय
आपको बता दें कि नए बिल में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के मामले को गैर जमानती अपराध माना गया है। साथ ही संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा। तीन तलाक पर केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले को मोदी सरकार का एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अध्यादेश कानून बन जाएगा।