13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राधा – कृष्ण से जुड़ा है सांझा महोत्सव, जानिये क्या है इसकी मान्यता

सांझी को देखने के लिए भक्तों की उमड़ रही भीड़।

2 min read
Google source verification

आगरा

image

Dhirendra yadav

Sep 26, 2018

Sanjhi Festival

Sanjhi Festival

आगरा। कमला नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर पर सांझी महोत्सव का आयोजन किया गया। सांझी महोत्सव का आयोजन मंगलवार से प्रारम्भ हो कर 9 अक्टूबर तक निरंतर प्रतिदिन किया जायेगा। सांझी कला को संरक्षित करने के लिए इस्कॉन आगरा द्वारा एक प्रयास किया जा रहा है। मंदिर पर सांझी को देखने के लिए भक्तों की सैकड़ों की संख्या में भीड़ उमड़ रही है।

ये भी पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट का आधार कार्ड पर सबसे बड़ा फैसला, जानिये क्या बोले लोग, देखें वीडियो

सांझी का इतिहास
सांझी को पहली बार राधा रानी ने साजाया था। इसका वास्तविक नाम संध्या की देवी है। जब श्री कृष्ण मथुरा छोड़ कर वृन्दावन चले गए थे, तो राधा रानी और गोपियों ने अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में फूल, रंगोली के रंगों और गाय के गोबर आदि को मिलाकर कृष्णा की लीलाओं का चित्रण किया, जो संध्या के समय करने के कारण सांझी कहलायी। श्री जगन्नाथ मंदिर के अध्यक्ष अरविन्द स्वरूप ने बताया कि सांझी ब्रज की एक बहुत ही प्राचीन लोक कला है, जो आज लुप्त होने के कगार पर है। स्वयं राधा रानी गोपियों के साथ मिलकर अश्विन मास के पूरे कृष्ण पक्ष में सांझी बनाया करती थीं। कुछ वर्षों पूर्व तक भी ब्रज के हर घर में संध्या के समय सांझी का निर्माण किया जाता था पर आज आधुनिकता की दौड़ में हम अपनी संस्कृति को भूल चुके हैं।

ये भी पढ़ें - दूसरों को न्याय दिलाने वाले अधिवक्ताओं को 17 साल बाद भी नहीं मिल सका न्याय ...

संरक्षण देने की आवश्यकता
श्री जगन्नाथ मंदिर के अध्यक्ष अरविन्द स्वरूप ने बताया कि सांझी कला को आज संरक्षण देने की आवश्यकता है। इस अवसर पर केशव अग्रवाल, गौरव बंसल, राहुल बंसल, ओमप्रकाश, अमित मित्तल, मुकेश तिवारी, अमित बंसल, विपिन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें - अखिलेश यादव को एक और बड़ा झटका, सेक्युलर मोर्चे में मुलायम सिंह के इस करीबी को मिली बड़ी जिम्मेदारी