
आगरा। SC ST Act पर चले सवर्ण आंदोलन के बाद अब भाजपा डैमेज कंट्रोल कर रही है। आगरा में आये अनुसूचित जनजाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने SC ST Act को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने बताया कि इस एक्ट का दुरुपयोग किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जायेगा। यदि ऐसा कोई करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
ये बोले बृजलाल
उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजाति-जनजाति आयोग बना था 1989 में उसके बाद इसके कार्रवाई होती है, जिसमें कोई दिक्कत नहीं थी। 20 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया, कि इसमें जांच हो जाये, फिर एफआईआर हो। इसके बाद बीजेपी सरकार ने इसमें संशोधन किया और जो 20 मार्च को था, उसी रूप में उसे लागू कर दिया। इसके बाद सपा, बसपा, कांग्रेस ने हंगामा करना शुरू कर दिया और इस तरह हमला बोला गया, जैसे सुप्रीम कोर्ट नहीं, बल्कि केन्द्रीय सरकार ने कुठाराघात किया हो। उन्होंने कहा कि अभी जब पालियामेंट में संशोधन हुआ, तो सभी ने ताली बजाकर संशोधन पास किया। अभी 2019 का चुनाव है, इसलिये सभी हंगामा कर रहे हैं।
सबसे अधिक दुरुपयोग आईपीसी का
सेवानिवृत्त आईपीएस बृजलाल ने कहा कि सबसे अधिक दुरुपयोग तो आईपीसी का होता है। हत्या के मामले में पूरा परिवार का नाम लिखा दिया जाता है, दहेज हत्या में पूरे परिवार को घसीटा जाता है, मारपीट की घटना में चैन छीनना दिखाकर लूट का मुकदमा लिखा दिया जाता है। इस एक्ट में इतनी बड़ी मुश्किल नहीं है। एफआईआर के बाद गिरफ्तारी होगी। एफआईआर का मतलब सही एफआईआर। एफआईआर सही है, तो गिरफ्तारी होगी। मथुरा के मामले में ऐसा ही हुआ। जहां गलत मामले में एफआईआर निरस्त हुई।
Published on:
16 Sept 2018 03:37 pm
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