
Shivpal Yadav
आगरा। पार्टी में लंबे समय से हाशिए पर चल रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा का गठन कर लोकसभा चुनाव से पहले सपा को बड़ा संकेत दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन करने से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बड़ा झटका दिया है। मोर्चा के गठन का ऐलान कर यह साफ कर दिया कि अब अखिलेश यादव और उनके रास्ते अलग-अलग हैं। मोर्चा का गठन होने से शिवपाल समर्थकों में उत्साह की लहर है। मिठाई बांटकर समर्थक खुशी जता रहे हैं। नए मोर्चा के अस्तत्वि में आने से उन लोगों में भी ऊर्जा दौड़ गई है जो सपा में किसी कारण उपेक्षित थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल यादव का मोर्चा अंतत: सपा को ही कमजोर करेगा।
लोकसभा चुनावों में इन सीटों पर हार-जीत के समीकरण बदलेंगे
गौरतलब है कि मुलायम सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के समय शिवपाल यादव ही पार्टी के सर्वेसर्वा थे। टिकट वितरण से लेकर पार्टी फंड आदि की जिम्मेवारी शिवपाल के कंधों पर थी। लेकिन, अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुलायम सिंह के संरक्षक बनाए जाने के बाद शिवपाल यादव पार्टी में हाशिए पर आ गए। शिवपाल यादव का सपा का तगड़ा नेटवर्क है। इस नेटवर्क के कारण ही चुनाव में हार जीत तय होती थी। मुलायम सिंह यादव के काफी प्रयास के बाद भी सैफई परिवार में एका नहीं हुआ। शिवपाल ने गत दिवस सेक्युलर मोर्चा का गठन करते हुए स्वयं इस बात का जिक्र किया कि सपा में उनकी और पार्टी से जुड़े तमाम लोगों की उपेक्षा हो रही थी।
राजनीतिक विशेषज्ञों का है ये मानना
शिवपाल यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का आने वाले समय में स्वरूप कैसा होगा। सेक्युलर मोर्चा आगामी चुनावों में हार-जीत के समीकरणों को बदलेगा। इस बात पर अब बहस छिड़ गई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि समाजवादी सेक्युलर मोर्चा समानांतर सपा के रूप में उभरेगा। सूत्रों का कहना है कि सपा में मुलायम सिंह यादव के साथ हर कदम पर रहकर शिवपाल यादव इस बात जानते हैं कि राजनीति में कब और क्या करना है। मुस्लिम मतदाताओं से जुड़े रहने के लिए उन्होंने भाजपा में जाने का फैसला रद्द कर दिया। सेक्युलर मोर्चा का गठन करने के दौरान उन्होंने यह संकेत भी दिए कि मुलायम सिंह यादव भी इससे जुड़ेंगे। इससे यह बात साफ हो जाती है कि शिवपाल यादव मोर्च के लिए मुलायम सिंह यादव को आगे करके ही ताकत बटोरने की तैयारी में हैं। शिवाल यादव मैनपुरी, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में उनकी लोगों के बीच अच्छी पकड़ है। सपा जब-जब सत्ता में रही है तब-तब वह लोगों के काम आए हैं और अब उस दरियादिली को भुनाने के लिए शिवपाल यादव विभिन्न जिलों में समर्थकों के बीच पहुंचेंगे। सेक्युलर मोर्चा को सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों से मिलेगा जो सपा में किसी कारण से तिरस्कृत या खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे थे। शिवपाल यादव खासतौर से यादवों के गढ़ों में सपा की रणनीति को प्रभावित करेंगे। शिवपाल यादव को यादव समाज के बीच जो प्रभाव है उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आने वाले समय में शिवपाल यादव का कद और बढ़ेगा, ऐसा राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है।
Published on:
30 Aug 2018 04:03 pm
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