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ताजमहल पर बड़ा खुलासा, शाहजहां ने नहीं कटवाए थे मजदूरों के हाथ, ​हकीकत जानने के लिए पढें पूरी खबर !

खुद्दामे रोजा कमेटी के अध्यक्ष ताहिरुद्दीन ताहिर ने ताजमहल ने बतायी एग्रीमेंट हैंडकट की हकीकत, जानें क्या हुआ था मजदूरों के साथ।

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आगरा

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suchita mishra

Oct 24, 2017

Taj Mahal

Taj Mahal

आगरा। आपने सुना होगा कि ताजमहल को बनने में 22 वर्षों की कड़ी मेहनत लगी थी, इस नायाब इमारत को बनाने के लिए सिर्फ भारत ही नहीं दुनियाभर के तमाम देशों से कारीगर बुलाए गए थे। लेकिन जब ताजमहल की इमारत बनकर खड़ी हुई तो मुगल शासक शाहजहां ने बेरहमी से ताजमहल बनाने वाले मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे, ताकि वे कहीं और ताजमहल जैसी दूसरी इमारत न बना सकें। लेकिन इस बारे में खुद्दामे रोजा कमेटी के अध्यक्ष ताहिरुद्दीन ताहिर ने एक बड़ा खुलासा किया है। उनका कहना है कि शाहजहां ने किसी भी मजदूर के हाथ कभी भी नहीं कटवाए। ताहिरुद्दीन ताहिर से जानते हैं क्या है इसके पीछे की पूरी हकीकत।

पुरस्कृत किया था मजदूरों को
ताहिरुद्दीन ताहिर का कहना है कि शासक का काम प्रजा की रक्षा करना होता है, जिसने 22 वर्ष की इतनी कड़ी मेहनत की, कोई भी शासक कभी भी उसके साथ इतनी बर्बरता नहीें कर सकता। उन्होंने बताया कि ताजमहल बनने के बाद शाहजहां ने उन मजदूरों को पुरस्कृत किया था। उन्हें कपड़े, तोहफे आदि देकर कहा था कि अब आप हमारे मेहमान हैं, हम जीवनभर आपके रहने, खानेपीने आदि की मुफ्त व्यवस्था करेंगे। लेकिन अब आप किसी दूसरे के लिए ताजमहल नहीं बनाएंगे। शाहजहां के इस फैसले से मजदूर काफी खुश हुए थे।

एग्रीमेंट हैंडकट हुआ था
ताहिरुद्दीन ताहिर ने बताया कि शाहजहां की हाथ कटवाने वाली बात पूरी तरह गलत है। दरअसल शाहजहां ने एक एग्रीमेंट करवाया था। इस एग्रीमेंट के तहत उन्होंने मजदूरों से अंगूठा लगवा लिया था कि वे कहीं और ताजमहल कभी नहीं बनाएंगे। इसके बाद जब भी किसी ने उन मजदूरों से ताजमहल बनाने की बात कही तो उन्होंने कहा कि हमारे तो हाथ कटे हुए हैं। यानी अब हम दोबारा ऐसा कुछ नहीं कर सकते। तब से इसे एक मुहावरा सा बना लिया गया। इस एग्रीमेंट को एग्रीमेंट हैंडकट के नाम से जाना जाता है।

किताबों में है इसका जिक्र
जब उनसे पूछा गया कि आप कैसे मानते हैं कि यही हकीकत है तो उन्होंने कहा कि आज तक कहीं भी उन मजदूरों की पीढ़ियों का भी कोई शख्स नहीं मिला, जिसने बोला हो कि उसके खानदान में किसी के हाथ कटवाए गए थे। न ही इस तरह के कोई साक्ष्य सामने आए हैं। यदि ऐसा होता तो कुछ न कुछ जरूर सामने आता। उनका कहना है कि शाहजहांनामा, अकबरनामा और द ग्रेट मुगल जैसी किताबों में एग्रीमेंट हैंडकट का पूरा जिक्र किया गया है।