
Arun jaitley and potato farmers
आगरा। केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट 2018 प्रस्तुत कर रहे हैं। नरेन्द्र मोदी सरकार का यह अंतिम पूर्ण बजट है। उन्होंने घोषणा की है कि फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागत का डेढ़ गुना घोषित किया जाएगा। इस संदर्भ में आलू के जानकार गिरधारी लाल गोयल का कहना है कि आगरा से अन्य फसल खत्म हो जाएंगी। किसान सिर्फ आलू करेगा। आलू की खेती का दायरा बढ़ता जा रहा है। संभावना इस बात की भी है कि आलू प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना आगरा में कर दी जाए।
गेहूं, सरसों की फसल बंद करेगा किसान
श्री गोयल ने बताया कि आलू की लागत इस समय 1000 रुपये प्रति कुंतल है। नई घोषणा के बाद सरकार 1500 रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीदेगी। सवाल ये है कि इसके विपणन की क्या व्यवस्था होगी। आलू पर लागत अधिक आती है। इसमें घाटा भी होता है। इसके बाद भी किसान आलू की खेती करता है, क्योंकि मेहनत कम होती है। किसान मानता है कि लागत का 10 फीसदी मिल जाए, तो बहुत है। आलू जब लाभ देता है तो छप्पर फाड़कर देता है। केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली की घोषणा के बाद आलू की खेती से नुकसान नहीं होगा। फिर होगा यह कि किसान गेहूं, सरसों, बाजरा की खेती बंद कर देगा। आलू की खेती ही करेगा। खंदौली इलाका पहले तिली उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध है। जब से आलू की खेती शुरू हुई है, तिली का नामोनिशान मिट गया है।
घोषणाएं पूरी करने की योजनाएं क्या है?
उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी की आलू क्या सरकार सस्ती दर पर बेचेगी? सरकार 1500 रुपये में खरीदेगा तो आम लोगों तक अधिक कीमत में जाएगा। फिर महंगाई का शोर मचेगा। जब मुनाफा सुनिश्चित हो जाएगा तो अन्य फसल करने की जरूरत ही क्या है? उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया गया था, जो आज तक पूरी नहीं हुआ है। अब कहा जा रहा है कि 2022 तक आय दोगुनी करेंगे। इसका सीधा सा मतलब यह है कि किसानों को अपनी आय दोगुनी करनी है तो फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनवाएं। ग्रामीण कृषि बाजार, ग्रामीण बाजार, पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड, ऑपरेशन ग्रीन की घोषणा स्वागत योग्य है, लेकिन इन्हें लागू करने की पूरी योजना का खुलासा होना चाहिए। पिछले बजट में की गई घोषणाएं अभी तक पूरी नहीं हुई हैं।
Published on:
01 Feb 2018 12:32 pm
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