28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Compulsory Retirement: 22 पुलिस वाले जबरन रिटायर किए गए, विभाग पर बोझ थे

- उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग पर बोझ बने पुलिस वाले अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जा रहे हैं।- आगरा रेंज में पहले चरण में सिपाही रिटायर किए गए हैं। अगला नम्बर पुलिस निरीक्षकों का है।- आगरा, मथुरा, मैनपुरी और फिरोजाबाद में ऐसे सिपाही रिटायर गिए गए हैं जो पुलिस विभाग पर बोझ थे।

2 min read
Google source verification

आगरा

image

suchita mishra

Jul 13, 2019

cm yogi

cm yogi demo pic

आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश के 22 कर्मचारी जबरन रिटायर कर दिए गए। आगरा परिक्षेत्र में पहला नम्बर लिपिक और सिपाहियों का आया है। आगरा में चार, मथुरा में नौ, फिरोजाबाद में छह और मैनपुरी में तीन पुलिस वाले सेवानिवृत्त किए गए हैं। इनकी उम्र 50 साल से अधिक है और पुलिस विभाग पर बोझ बन गए थे। बार-बार दंड देने के बाद भी कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हो रहा था। अगला नम्बर पुलिस उपनिरीक्षक और निरीक्षकों का है। इन सबकी चरित्र पंजिका का अध्ययन किया जा रहा है।

इन्हें किया गया सेवानिवृत्त
मैनपुरी से मानिकचंद, सुखवीर सिंह, आगरा से विनोद कुमार उपाध्याय, इनाम सिंह, जगपाल सिह, चन्द्रपाल, मथुरा से तेजपाल सिंह, प्रेम प्रकाश, शशिपाल सिंह, रामपाल सिंह, अशोक कुमार, मवासी लाल, राकेश कुमार, अहलकार सिंह, फिरोजाबाद से रामबाबू, महेन्द्र पाल सिंह, राजवीर सिंह, देवेन्द्र कुमार, देवेन्द्रपाल सिंह, राजपाल सिंह को जबरन सेवानिवृत्त किया गया है।

किसने क्या कारनामा किया
मैनपुरी में सिपाही राजेन्द्र कुमार 1980 में भर्ती हुआ और 1322 दिन बिना बताए गायब रहा। इसी प्रकार सिपाही चन्द्रपाल 1982 में भर्ती हुआ और 1002 दिन गायब रहा।

आगरा में लिपिक विनोद कुमार उपाध्याय 1985 में भर्ती हुआ था। उसके खिलाफ 19 बार कार्रवाई की गई, फिर भी सुधरा नहीं। सिपाही जगपाल सिंह 1989 में भर्ती हुआ। उसके खिलाफ 21 बार कार्रवाई की गई। वह 3159 दिन ड्यूटी से गायब रहा। कार्रवाई का भी कोई असर नहीं दिखाई दिया। मानिकचंद 1983 में भर्ती हुआ। उसके खिलाफ 18 बार कार्रवाई की गई। करीब आठ साल गैरहाजिर रहा और फिर भी नौकरी कर रहा था।

मथुरा में विशेष श्रेणी के सब इंस्पेक्टर मवासीलाल पर 10 बार कार्रवाई की गई। मथुरा के सिपाही अहलकार सिंह 1979 में भर्ती हुए थे। उनका परनिंदा की जाती रही। सिपाही राकेश कुमार के खिलाफ सेवा काल में 10 बार कार्रवाई की गई। वह 1989 में भर्ती हुए थे।

फिरोजाबाद में सिपाही राजवीर सिंह 1982 में भर्ती हुए थे। उनके खिलाफ 16 बार कार्रवाई की गई। 423 दिन गायब रहा। सिपाही देवेन्द्र लाल 1720 दिन गायब रहा। 1981 में भर्ती हुआ था। 18 बार कार्रवाई की गई। राजपाल सिंह के खिलाफ सात बार कार्रवाई की गई। सेवाकाल में 1010 दिन गायब रहा। देवेन्द्र कुमार 2830 दिन गायब रहा। 16 बार कार्रवाई की गई।