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भगवान कृष्ण को लेकर वार्ष्णेय समाज ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से की बड़ी मांग, आज दिया गया ज्ञापन

आगरा समेत कई जिलों में राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम दिया गया ज्ञापन।

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आगरा

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Dhirendra yadav

Aug 10, 2018

Parliament

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आगरा। वार्ष्णेय समाज द्वारा शुक्रवार को देशभर मे संसद व सभी विधानसभाओं मे भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति लगाये जाने के लिए जिलाधिकारी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम ज्ञापन दिये गये। आगरा में अखिल भारतीय वार्ष्णेय वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने कलेक्ट्रेट में एडीएम सिटी केपी सिंह को ज्ञापन दिया।


यहां भी दिया गया ज्ञापन
आगरा समेत जलेसर, संभल, मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, अमरोहा, कासगंज, पीलीभीति, बदायूँ. गाज़ियाबाद आदि मे भी एक साथ ज्ञापन दिये गए। बदायूं में मानवीय विधायक महेश गुप्ता ने भी ज्ञापन दिया। वार्ष्णेय समाज द्वारा मांग की गयी कि भगवान श्रीकृष्ण के श्रीमदभागवत में वर्णित उपदेशों को स्कूली पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए और श्रीकृष्ण की प्रतिमा भारतीय संसद भवन व देश भर के विधानसभा भवन परिसरों में लगाई जाएं।

ये बोले राष्ट्रीय महामंत्री
राष्ट्रीय महामंत्री नेमीचन्द्र वार्ष्णेय ने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता ऐसा महान ग्रंथ है जिसके महत्व को सभी ने स्वीकारा है। यही नहीं संसार के अधिकांश धर्मों सहित राष्ट्रीय, राजनैतिक दलों व देशों ने मानव हित में उसमें वर्णित उपदेशों को आदर्श रूप में अपनाया है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि भारत जैसे राष्ट्र के नाम से विश्व भर में माने जाने वाले भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को भारतीय संसद परिसर में स्थापित कराते हुए देश की सभी विधानसभा परिसरों में भी लगाया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ी व राजनीति एवं राजनेताओं को प्रेरणा व हितकारी दिशा मिलती रहे।

पाठ्यक्रम में किया जाए शामिल
राष्ट्रीय कोशाध्यक्ष घनश्याम वार्ष्णेय ने कहा कि एसोसिएशन ने मानव संसाधन मंत्रालय को भी राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से द्वारा निदेशित किया जाए कि श्रीकृष्ण के उपदेशों से ओतप्रोत प्रेरणा दायक प्रसंगों को देश की हर भाषा में स्कूली पाठ्यक्रम में समावेश किया जाए। इस अवसर पर नेमीचन्द्र वार्ष्णेय, घनश्याम वार्ष्णेय, यशपाल गुप्ता, प्रेमचन्द्र वार्ष्णेय, ई केपी कृषक, एसके वार्ष्णेय, सुभाष चन्द्र वार्ष्णेय, कैलाश चन्द्र वार्ष्णेय, जगदीश वार्ष्णेय, देव कुमार वार्ष्णेय, प्रमोद कुमार वार्ष्णेय, डॉ. अशोक वार्ष्णेय, आरके गुप्ता आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।