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मृत्यु के बाद क्या होता है आत्मा के साथ, किस तरह मिलता है दोबारा जीवन, पढ़ लें ये खबर

धर्मगुरु योगेश पुरी ने बताया कि मौत के बाद का ऐसा रहस्य, जो आपने कभी नहीं सुना होगा।

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आगरा

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Dhirendra yadav

May 11, 2018

After death

After death

आगरा। मृत्यु के बाद क्या होता है, क्या दोबारा जीवन मिलता है, या फिर नहीं। इस बात पर चर्चा फिर से शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश में हाल ही में तीन ऐसी घटनाएं हुईं, जिनमें मृत्यु के बाद जीवन मिला। विज्ञान की भाषा में कहें तो सब कुछ व्यर्थ की बातें हैं, लेकिन आज भी कुछ अनसुलझे रहस्य हैं, जिनके आगे विज्ञान भी नतमस्तक है। यह कहना गलत इस लोक के बाहर दुनिया नहीं है या जिस तरह पृथ्वी पर जिस तरह जीवन है, उस तरह अन्य गृहों पर जीवन नहीं है। विज्ञान भी ऐलियन जैसी बातों को मान रहा है। इसलिए यह भी सत्य है, कि हमारे शास्त्रों के अनुसार पूरे ब्रह्मांड को चलाने वाले शक्ति भी है और हमारी मृत्यु के बाद कर्मों का लेखा जोखा होता है।


धर्मगुरु ने बताई सच्चाई
पत्रिका टीम ने मृत्यु के बाद के इस रहस्य को जानने के लिए बात की, श्रीमनकामेश्वर मंदिर के महंत और धर्मगुरु योगेश पुरी से। धर्मगुरु योगेश पुरी ने बताया कि जिस प्रकार की ये घटनाएं हो रहीं हैं, उनमें बहुत अधिक सच्चाई है। सनातन धर्म की बात करें, तो पुर्नजन्म को भी माना जाता है और ये होता भी है। इसी तरह मृत्यु के बाद कोई जीवत होता है, तो उसे झुठलाया नहीं जा सकता है।


इन प्रथाओं पर कर लें जरा गोर
धर्मगुरु योगेश पुरी ने बताया कि सनातनी धर्म में कुछ प्रथाएं हैं, उनपर गोर किया जाए, तो बहुत कुछ स्पष्ट हो जाता है। जैसा देखते हैं कि मृत्यु के बाद शरीर को ठंडे पानी से नहलाया जाता है। वैज्ञानिक तौर पर देखा जाए, तो इसका उद्देश्य है कि यदि हार्ट में कहीं कोई ब्लॉकेज है, तो ठंडे पानी से बढ़ने वाले रक्तचाप से वह दूर हो जाए, और व्यक्ति को जीवन मिल सके, वहीं धार्मिक हिसाब से देखा जाए, तो इसका उद्देश्य शरीर को पवित्र करना है। वहीं शरीर को जलाने का उद्देश्य यह है कि पवित्र अग्नि के साथ पुराने जीवन की सारी स्मृतियां समाप्त हो जाएं, और दूसरे जन्म में मनुष्य नई स्मृतियों के साथ नया जीवन शुरू करे।

9 छिद्रों से निकलता प्राण तत्व
धर्मगुरु योगेशपुरी ने बताया कि प्राण तत्व शरीर के 9 छिद्रों से निकलता है और सबसे बड़ी बात शोधकर्ता भी चकित हैं, कि गुरत्वाकर्षण में सारी चीजों को जहां पृथ्वी अपनी ओर खींचती है, वहीं प्राणतत्व उपर की ओर उठते हैं। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में सत्ता है, जिसे परलोक कहते हैं। हम हर योनि में जन्म लेते हैं, पूर्व जन्म में न जाने किस जीवन को व्यतीत करके आएं हैं उसी की स्मृतियां हमारे जीवन में रहती हैं और यही कारण रहता है कि हाथ पैर वाले भी मछली की तरह तैर सकते हैं और बिना हाथ पैर वाले जीव भी पानी में तैरते हैं। भारत ही नहीं, दूसरे देशों में भी मरने के बाद जीवन के उदाहरण मिले हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका का एक व्यक्ति मरने के पांच घंटे बाद जीवत होता है और दोबारा जीवन प्राप्त करने के बाद वह जापानी भाषा बोलने लगता है। उन्होंने बताया कि हमारे शास्त्रों की अवधारणाएं, मान्यताएं हैं, उन्हें ये घटनाएं सत्य परिभाषित करती हैं।