
गर्मी में पानी को मचा हाहाकार, भाजपा सांसद, विधायक को सुनाईं करारी बात
आगरा। पानी के लिए किए गए वादे अभी अधूरे हैं। जिसके चलते जनता परेशान है। एत्मादपुर थाना क्षेत्र के गांव पिपरिया में पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने एत्मादपुर खंदोली मार्ग पर जाम लगा दिया। महिलाएं बच्चों के साथ तीन घंटे तक सड़कों पर डटी रहीं। जाम की सूचना के बाद पुलिस हरकत में आई, सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने जाम लगाने वालों को समझाया। बच्चों और बुर्जुगों की बिगड़ती हालत को देखकर महिलाओं ने जाम खोलना मुनासिब समझा।
तीन सालों से पानी की है किल्लत
बता दें कि गांव पिपरिया में पिछले तीन सालों से पानी की भारी किल्लत है। जल स्तर काफी नीचे चला गया है, जिससे हैंडपंप और सबमर्सिबल ने काम करना छोड़ दिया है। ग्रामीण पास की सहपऊ रजवाह से निकलने वाले बंबे के पानी से काम चला रहे थे। लेकिन, करीब दो महीनों से बंबा का पानी भी सूख गया। इसके बाद ग्रामीण करीब 2 किलोमीटर दूर एत्मादपुर कस्बे से पीने तथा पशुओं के लिए भी पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं। मंगलवार को ग्रामीणों का धैर्य टूट गया और उन्होंने जाम लगा दिया।
एक बूंद के लिए तरस रहे ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पानी की समस्या की शिकायत तहसील के अधिकारी से लेकर सांसद और विधायक तक की है लेकिन, सिवाए आश्वासन के उन्हें कुछ नहीं मिला। ये हालत तब है जब आगरा में जनप्रतिनिधि गंगाजल लाने का दावा कर रहे हैं। लेकिन ग्रामीण पीने की एक बूंद के लिए परेशान हैं। ग्रामीण एत्मादपुर से खंदौली मार्ग पर महिलाओं और बच्चों के साथ आ गए। उन्होंने पूरी रोड को जाम करने के साथ-साथ घर के खाली बर्तन भी रोड पर रख दिए। इसके साथ ही ग्रामीणों ने एत्मादपुर विधायक, आगरा सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। पुतला बनाकर सांकेतिक धरने पर सड़क पर बैठ गए।
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे अधिकारी
सड़क जाम की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष एत्मादपुर पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और जाम लगा रहे ग्रामीणों को समझाने का प्रयत्न करने लगे लेकिन ग्रामीण जाम खोलने को राजी नहीं हुए। इस दौरान थाना अध्यक्ष एत्मादपुर में बरहन और खंदौली थानों का फोर्स भी मौके पर बुला लिया। उसके बाद तहसीलदार एत्मादपुर प्रेमपाल सिंह मौके पर पहुंचे और 10 दिन के अंदर पानी का व्यवस्था करने की बात कही। साथ ही कहा कि जब तक नहर में पानी नहीं आ जाता तब तक टैंकरों से पीने के पानी की किल्लत को दूर करने की कोशिश की जाएगी। भीषण गर्मी में करीब तीन घंटे लगे जाम के बाद वाहनों की लंबी कतारें लग गई। लेकिन, जाम लगा रहे बच्चों और महिलाओं और बुजुर्गों की हालत भी बिगड़ने लगी जिसके बाद ग्रामीणों ने जाम को खोलना ही मुनासिब समझा। ग्रामीणों का कहना है पिछले तीन साल से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। यदि पानी मिला तो इसका अंजाम आने वाले चुनावों में भुगतना होगा।
Published on:
05 Jun 2018 04:49 pm
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