
ताजमहल का निर्माण मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में कराया था। गुंबदनुमा इस इमारत को जब आप सिर उठाकर देखेंगे तो ये आपको किसी अजूबे से कम नहीं लगेगी।

आप जैसे—जैसे इससे दूर जाते हैं, ये आपको अपनी ओर आकर्षित करती है। यही कारण है कि इस इमारत को दुनिया के सात अजूबों में शुमार किया गया है।

भव्यता के कारण 1983 में ताजमहल यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना। वहीं इसे भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया जा चुका है।

42 एकड़ में फैले इस अद्भुत ताजमहल को बनाने के लिए करीब 20 हजार से अधिक मजदूर लगाए गए थे और 22 वर्षों (1631 - 1653) में ताजमहल बनकर पूरा हुआ। कई चरणों में इसका काम पूरा किया गया।

सिर्फ गुंबद बनाने में ही 15 वर्ष लग गए थे, शेष सात वर्षों में बाकी काम पूरा किया गया। इस दौरान 1000 हाथियों से काम लिया गया था जो संगमरमर के पत्थरों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने का काम करते थे।