इसलिए फिर आए चर्चा में
बीच में चर्चा से गायब हो चुके यादव सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल इलाहबाद हाईकोर्ट ने यादव सिंह की दो बेटियों व बेटे को अंतरिम जमानत दे दी है और 21 मई तक सीबीआई से जमानत अर्जी पर जवाब मांगा है। ये आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा तथा न्यायमूर्ति डीके सिंह की खंडपीठ ने याची अधिवक्ता दिनेश कक्कड़ व आईके चतुर्वेदी व सीबीआई अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश को सुनकर दिया है।
बीच में चर्चा से गायब हो चुके यादव सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल इलाहबाद हाईकोर्ट ने यादव सिंह की दो बेटियों व बेटे को अंतरिम जमानत दे दी है और 21 मई तक सीबीआई से जमानत अर्जी पर जवाब मांगा है। ये आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा तथा न्यायमूर्ति डीके सिंह की खंडपीठ ने याची अधिवक्ता दिनेश कक्कड़ व आईके चतुर्वेदी व सीबीआई अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश को सुनकर दिया है।
आगरा में अकूत संपत्ति
नोएडा विकास प्राधिकरण के निलंबित चीफ इंजीनियर यादव सिंह की आगरा और फिरोजाबाद में अकूत संपत्ति है। थाना सदर क्षेत्र के नंदपुरा में जहां उनका पुश्तैनी मकान बना है, वहीं देवरी रोड पर आलीशान कोठी है, जिसे क्षेत्र के लोग हरी कोठी के नाम से जानते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, क्षेत्र में इससे महंगी कोठी किसी दूसरे की नहीं है। यादव सिंह के पिता प्रभुदयाल एक मामूली ठेकेदार थे, लेकिन उनका परिवार शुरू से ही रईस रहा है। यादव सिंह आगरा में हुब्बलाल इंटर कॉलेज में पढ़े हैं। आगरा के ही एक टेक्निकल कॉलेज से इंजीनियरिंग का डिप्लोमा किया है।
फिरोजाबाद में ससुराल
यादव सिंह की शादी 17 साल पहले फिरोजाबाद के मोहल्ला दुली की रहने वाली कुसुमलता के साथ हुई थी। कुसुमलता मात्र सातवीं तक पढ़ी लिखी हैं। केवल यादव सिंह ही नहीं, बल्कि उनकी पत्नी की सक्रियता भी आगरा में खूब रही। मेयर चुनाव के दौरान यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता का नाम चर्चाओं में आया था।
यादव सिंह की शादी 17 साल पहले फिरोजाबाद के मोहल्ला दुली की रहने वाली कुसुमलता के साथ हुई थी। कुसुमलता मात्र सातवीं तक पढ़ी लिखी हैं। केवल यादव सिंह ही नहीं, बल्कि उनकी पत्नी की सक्रियता भी आगरा में खूब रही। मेयर चुनाव के दौरान यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता का नाम चर्चाओं में आया था।