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गुजरात में 108 एंबुलेंस के 18 साल पूरे, जानिए कितनों को पहुंचाया अस्पताल

-29 अगस्त 2007 से 2025 तक रेकॉर्ड 1.77 करोड़ आपातकालीन कॉल किए हैंडल

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108 Ambulance

Ahmedabad. गुजरात में आपातकालीन स्थिति मददगार होने वाली 108 एंबुलेंस सेवा को 29 अगस्त को 18 साल पूरे हो गए हैं। 29 अगस्त 2007 को राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री व मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 108 एंबुलेंस सेवा की शुरूआत कराई थी। तब से लेकर 29 अगस्त 2025 तक एक कॉल पर मरीज को मुफ्त में समय पर अस्पताल पहुंचाकर 17.34 लाख से ज़्यादा लोगों जिंदगी बचाई है।

14 एंबुलेंस से कार्यरत 108 के बेड़े में आज 1456 एंबुलेंस

जीवीके ईएमआरआई-108 के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जसवंत प्रजापति ने बताया कि 108 एंबुलेंस ने बीते 18 सालों में 1.77 करोड़ आपातकालीन कॉल हैंडल किए हैं। 2007 में केवल 14 एंबुलेंस से शुरू हुई इस सेवा में आज 1456 एंबुलेंस कार्यरत हैं। समुद्र में दो बोट एंबुलेंस भी कार्यरत हैं। राज्य के जिले में दिन और रात चौबीस घंटे आपातकालीन स्थितियों में सेवा दी जा रही है।

गंभीर रूप से बीमार या घायल व्यक्ति को कॉल मिलते ही मुफ्त में अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। हृदय रोग, कैंसर, किडनी, प्रसूति रोग, जहरीले कीड़ों के काटने, मारपीट में घायल होने, गंभीर बीमारियों और जलने से गंभीर चोटों, सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल होने, बीमार नवजात शिशुओं को अस्पताल पहुंचाया जाता है।

एंबुलेंस का रिस्पोंस टाइम 14.45 मिनट

प्रजापति ने बताया कि 108 का गुजरात में औसतन रिस्पोंस टाइम 14.45 मिनट है। शहरों में यह 10.31 मिनट जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 18.20 मिनट में एंबुलेंस पहुंच जाती है। 99 फीसदी कॉल पहली दो रिंग में ही उठ जाते हैं। एंबुलेंस सभी जरूरी मेडिकल उपकरण, दवा, वेंटिलेटर मशीन से सुसज्ज है। अहमदाबाद के कठवाडा में 15 एकड़ में रिस्पोंस सेंटर कार्यरत है।

प्रतिदिन औसतन 4500 मरीजों को सेवा

उन्होंने बताया कि 108 एम्बुलेंस प्रतिदिन औसतन 4300 से 4500 मरीजों को मुफ्त में अस्पताल पहुंचाती है। हर 21 सेकंड में एक 108 एम्बुलेंस मदद को रवाना होती है। 18 साल में 56 करोड़ से अधिक किलोमीटर एंबुलेंस दौड़ी हैं। 17.34 लाख लोगों की जान बचाने में मददगार हुई।

डेढ़ लाख महिलाओं की प्रसूति कराने में मददगार

108 एंबुलेंस ने 58.70 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं को आपातकालीन स्थितियों में अस्पताल पहुंचाया है। 108 एम्बुलेंस के कर्मचारियों ने घटनास्थल पर ही 1,52,809 से अधिक प्रसवों में मदद की। 108 को मिलने वाली कॉल में अधिकांश कॉल गर्भवती महिलाओं की आपात स्थिति से जुडी होती हैं।

पोरबंदर, ओखा बंदरगाह पर बोट एंबुलेंस

प्रजापति ने बताया कि समुद्र में काम करने वाले मछुआरों को आपात स्थिति में चिकित्सकीय मदद पहुंचाने को पोरबंदर और ओखा बंदरगाह पर बोट एंबुलेंस कार्यरत है। देश में पहली बार, गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग, गुजसेल और जीवीके ईएमआरआई के साथ मिलकर 21 मार्च 2022 से राज्य में एक एयर एम्बुलेंस भी शुरू की है।