
अमरीका से डिपोर्ट किए गए 33 अवैध प्रवासी गुजराती लोग गुरुवार सुबह अहमदाबाद पहुंचे। इन सभी को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उनके संबंधित जिले में पुलिस वाहनों से पहुंचाया गया। इसमें बच्चे, महिलाएं व पुरुष शामिल हैं। इन सभी से अहमदाबाद में प्राथमिक पूछताछ भी की गई। इन लोगों ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया। ज्यादातर ने मास्क, रूमाल से चेहरा ढका हुआ था।
गुजरात सरकार के निर्देश पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय ने एक पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी को अमृतसर एयरपोर्ट पर भेजा था। गुजरात से अमृतसर पहुंचे इस अधिकारी ने गुजरात के 33 लोगों की इमीग्रेशन क्लियरेंस और वैरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरा कराया। इसके बाद इन सभी 33 लोगों को वाया दिल्ली होते हुए फ्लाइट से लेकर गुरुवार सुबह 6.10 बजे अहमदाबाद पहुंचे।
अमरीका से वापस भेजेे गए अवैध 33 लोग गुजरात के अलग-अलग जिले से हैं। ऐसे में इन लोगों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए संबंधित जिले की टीम भी अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंची थी। इसके लिए एक नोडल अधिकारी और टीम बनाई गई थी।सूत्रों के तहत वापस आए लोगों में 14 गांधीनगर जिले के, 10 मेहसाणा के, चार पाटण के, दो अहमदाबाद के, वडोदरा, भरुच, आणंद, बनासकांठा, खेड़ा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
अहमदाबाद शहर पुलिस के जी डिवीजन के एसीपी राजेश ओझा मीडिया को बताया कि अमृतसर से गुरुवार तड़के अहमदाबाद पहुंची फ्लाइट में बच्चे, महिला, पुरुष सहित गुजरात के 33 व्यक्ति आए थे। इनके आगमन को देखते हुए एयरपोर्ट पर बंदोबस्त रखा गया था। इन सभी को कड़ी सुरक्षा के बीच उनके घर पर भेजा गया है।
वह एक महीने पहले गई थी। उसके अमरीका जाने का पता था, लेकिन कौन से रूट से गई थी, उसका पता नहीं था। टूरिस्ट वीजा पर गई थी। यूं तो सारे वैध दस्तावेज से थे, कौन से कम पड़े यह अमरीका सरकार ही बता सकती है। चार दिन से लगातार ट्रैवल कर रही है। अभी वह बोलने की स्थिति में नहीं है। उसे हथकड़ी पहनाकर वापस भेजना एक तरह से उसके साथ कैदियों जैसा व्यवहार किया गया है।
-वरुण पटेल, डिपोर्ट की गई खुशबू के भाई, वडोदरा
अमरीका से वापस भेजे गए लोगों के प्रति मेरी सहानुभूति है। क्योंकि गुजरात के लोग सालों से अमरीका में रहते हैं। हो सकता है कुछ मंजूरी बिना वहां गए होंगे, लेकिन वहां वे अमरीका के सभी नीति-नियम, कानूनों की पालन करते हैं। वे वहां नौकरी, परिश्रम करते हैं। स्टोर चलाते हैं। आय बचाकर यहां भेजते हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें पकड़कर वापस भेजा गया है।
-नितिन पटेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री, गुजरात
Updated on:
06 Feb 2025 10:53 pm
Published on:
06 Feb 2025 10:52 pm
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