
माइका परिसर में विद्यार्थी।
प्रबंधन की शिक्षा में छात्रों से ज्यादा छात्राओं को प्रवेश देने के मामले में सुर्खियों में रहने वाले माइका अहमदाबाद में इस वर्ष 2024-26 में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 47 फीसदी है, जबकि छात्रों की संख्या 53 फीसदी है। बीते साल की तुलना में इस साल छात्राओं की संख्या में छह फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। दिलचस्प बात यह है कि 2023-25 के गत वर्ष के बैच में यह आंकड़ा एकदम उल्टा था। उस बैच में 53 फीसदी छात्राएं थीं और 47 फीसदी छात्र थे। यह स्थिति तब है जब माइका की कमान एक महिला प्रमुख के हाथों में आने वाली है और डीन के पद पर भी एक महिला हैं। माइका के तीन पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (पीजीपी)-पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (पीजीडीएम), पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट-कम्युनिकेशन (पीजीडीएम-सी), क्राफ्टिंग क्रिएटिव कम्युनिकेशन (सीसीसी) प्रोग्राम में 2024-26 के बैच में 235 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इसमें 110 छात्राएं हैं और 125 छात्र हैं। फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (एफपीएम) कोर्स में दो छात्राओं और तीन छात्र को प्रवेश मिला है। यदि पीजीपी कोर्स की बात करें तो 206 विद्यार्थियों में से 90 छात्राएं हैं और 116 छात्र हैं। सीसीसी में प्रवेश पाने वाले 24 में 18 छात्राएं हैं।
सबसे ज्यादा 46 विद्यार्थी इस साल भी महाराष्ट्र राज्य से हैं। दूसरे स्थान पर 31 विद्यार्थियों के साथ दिल्ली बरकरार है और 27 विद्यार्थियों के साथ इस साल भी गुजरात तीसरे स्थान पर रहा। उत्तर प्रदेश के 25 विद्यार्थी हैं। त्रिपुरा का एक और दो असम के विद्यार्थी हैं। संस्थान में गुजरात के विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है। 2022-23 में गुजरात के 23 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था।
माइका प्रवेश समिति की प्रो.रुचि तिवारी और प्रो.तरल पाठक के अनुसार प्रवेेश पाने वालों में 71 फीसदी विद्यार्थी गैर इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से हैं। यह महत्वपूर्ण बदलाव इस बात के अच्छे संकेत दे रहा है कि प्रबंधन के क्षेत्र में इंजीनियरिंग ही नहीं बल्कि सभी क्षेत्रों के विद्यार्थी आगे आ रहे हैं। संस्थान मेरिट आधारित प्रवेश प्रक्रिया के जरिए विद्यार्थियों का चयन करता है। पीजीपी कोर्स के 80 फीसदी विद्यार्थी 21-25 आयु वर्ग के हैं। सभी कोर्स के 62 फीसदी विद्यार्थियों को पहले कार्य का अनुभव है। 38 फीसदी ने ही सीधे प्रवेश पाया है।
प्रवेश पाने वालों में डॉक्टर, क्रिकेटर, सीए और फ्लाइंग कैडेट तक शामिल हैं। इसमें अहमदाबाद के डॉक्टर ध्रुवम नानावटी भी हैं। वे कहते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रबंधन का अभाव देखने को मिला। इसने उन्हें प्रबंधन के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित किया।
साल – छात्राओं का प्रतिशत (संख्या)- कुल विद्यार्थी
2024-26-47 (110)-235
2023-25-53 (125)-234
2022-24- 51 (124) – 244
2021-23 – 49.75 (91) – 183
2020-22- 55.55 (120)- 216
2019-21- 47.68 (103) – 216
2018-20- 47.77 (86)- 180
2017-19 – 47.22(85) – 180
Updated on:
02 Jul 2024 10:53 pm
Published on:
02 Jul 2024 10:47 pm
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