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गुजरात में सांपों (सर्पों) की 50 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। सांप की सभी प्रजातियां पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। राज्य के इंद्रोडा नेचर पार्क में सर्प गृह में न सिर्फ नाग, काला सांप, फारसो, खलथरा जैसी जहरीली प्रजाति हैं बल्कि अजगर, धामन, भम्फोड जैसी जहर बिना वाले सांप भी पाए जाते हैं। सांप के ज़हर से विष-निरोधक दवाएं बनाने के लिए धरमपुर में सर्प अनुसंधान केंद्र भी कार्यरत है। जहां सांप के विष से दवाइयां बनाने पर शोध हो रहा है।
सांपों की प्राकृतिक महत्ता को ध्यान में रखकर सरकार भी इन्हें बचाने व इनकी संख्या बढ़ाने को विविध कदम उठा रही है। राज्य के वन विभाग ने सांप संरक्षण और प्रजनन के उद्देश्य से सांपों को पकड़ने के लिए व्यवस्थित प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की है। पर्यावरण को बनाए रखने में सांपों की अहम भूमिका होती है। इनकी सुरक्षा और इनके बारे में जागरूकता के लिए प्रति वर्ष 16 जुलाई को सांप दिवस मनाया जाता है।
एक जुलाई 2024 से 30 जून 2025 तक वन विभाग व एनजीओ की टीमों ने अहमदाबाद के शहरी क्षेत्र से 492 सांपों को पकड़कर सुरक्षित स्थलों पर छोड़ा है। सांप को प्रकृति की एक अनूठी रचना के लिए जाना जाता है, जो पर्यावरण की सुंदरता और संतुलन का अभिन्न अंग। सांप छोटे जीवों को नियंत्रण करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। दुनियाभर में सांपों की तीन हजार से अधिक प्रजातियां हैं। इनमें से गुजरात में लगभग 50 प्रजातियां पाई जाती हैं।
सांप भले ही जहरीला होता है, लेकिन इसी जहर से कई रोगों की दवाई भी बनती हैं। विष के उपयोग से हृदय रोग, रक्तचाप और कैंसर जैसी बीमारियों के उपचार की दवाइयां बनती हैं। राज्य सरकार ने वलसाड जिले के धरमपुर में सर्प अनुसंधान केंद्र स्थापित किया है, जहां सांप के विष से विष-निरोधक और अन्य दवाइयां बनाने के लिए कई शोध किए जा रहे हैं।
राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी अस्पतालों में सांप के काटने के उपचार की व्यवस्था है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में विष-निरोधक दवा उपलब्ध है। सांप दिखने पर उससे 6 फुट का अंतर रखें। वन विभाग की हेल्पलाइन 1926 पर संपर्क करें। सांप के काटने पर उस हिस्से को स्थिर रखें और तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचें। सांप को मारें नहीं। उसको मारना अपराध है।
Updated on:
15 Jul 2025 10:05 pm
Published on:
15 Jul 2025 10:03 pm
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