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तीन पीढिय़ां कर रही स्वरों से सोमनाथ महादेव का अभिषेक

70 वर्ष से

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तीन पीढिय़ां कर रही स्वरों से सोमनाथ महादेव का अभिषेक

तीन पीढिय़ां कर रही स्वरों से सोमनाथ महादेव का अभिषेक

भास्कर वैद्य

प्रभास पाटण. गिर सोमनाथ जिले में प्रभास पाटण-सोमनाथ स्थित देश के प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव का तीन पीढिय़ां पिछले 70 वर्षों से स्वरों से अभिषेक कर रही हैं।
सोमनाथ मंदिर में आरती के समय दिग्विजय द्वार पर करीब एक घंटे तक शहनाई व नगाड़ों की स्वर-लहरियां भक्तों को आकर्षित करती हैं। फिलहाल श्रावण माह के दौरान कोरोना के चलते आरती के समय मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद है।
सोमनाथ मंदिर में भगवान शिव की आरतियों के विभिन्न रागों पर को फिलहाल बांसुरी पर स्वर देेने का काम मंदिर के शहनाई वादक मुकेश मकवाणा कर रहे हैं। वे तीसरी पीढ़ी के तौर पर निरंतर भक्ति का यह कार्य कर रहे हैं।
मुकेश के अनुसार वर्ष 1951 में सोमनाथ मंदिर की स्थापना के समय से उनके दादा कानजी मकवाणा शहनाई वादन करते थे। कानजी की सेवानिवृत्ति के बाद पुत्र नथुभाई यह कार्य करते थे और वर्तमान में तीसरी पीढ़ी के मुकेश शहनाई वादन कर रहे हैं।
मंदिर में आरती से पहले चोघडिय़ा वादन और उसके बाद सवेरे आरती के समय भगवान शिव की धुन, आरती, भजन, जय जगदीश हरे... और दोपहर व शाम को पार्वती माता की आरती की धुन वर्तमान में शहनाई पर मुकेश बजा रहे हैं।

बढ़ाते हैं लोगों व दर्शनार्थियों की भक्ति ऊर्जा

तीनों ही शहनाई वादकों की ओर से मुंह में शहनाई लगाने व शहनाई के छिद्रों पर कुशलता से अंगुलियों को आरोह-अवरोह के साथ घुमाने के समय वे शिव ध्यानस्थ दिखाई देते हैं। कुशलता से संगीत के विविध रागों को शहनाई पर बजाकर मुकेश वर्तमान समय में लोगों व दर्शनार्थियों की भक्ति ऊर्जा बढ़ाते हैं।