
अहमदाबाद. शहर सत्र अदालत ने धोखाधड़ी व फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोपी तेहमूल शेठना की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने गत दिनों आरोपी व अभियोजन पक्ष की ओर से दलीलों को सुनने के बाद इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था।
अदालत के अनुसार मामले की जांच जारी है। यदि आरोपी को जमानत मिलती है तो गवाहों पर दवाब डाला जा सकता है। जांच में बाधक बन सकता है और सबूतों के साथ भी छेड़छाड़ हो सकता है। इन परिस्थतियों में शेठना की जमानत याचिका स्वीकारी नहीं की जा सकती।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ गलत शिकायत दर्ज की है। वे जब साथ रहते थे तब उन्होंने उनके संयुक्त खाते में से सहमति से लेन-देन किया था। उधर राज्य सरकार ने दलील दी कि एफएसएल की रिपोर्ट के आधार पर सरकारी दस्तावेजों में जो हस्ताक्षर किया गया है वह तेहमूल शेठना की पत्नी नहीं है, लेकिन किसी अन्य की ओर से यह हस्ताक्षर किया गया है। इसके अलावा शेठना एक अन्य मामले में भी आरोपी है। इसलिए आरोपी की जमानत मंजूर नहीं की जाए। शेठना के विरुद्ध गत वर्ष दिसंबर में नवरंगपुरा थाने में पौने सात करोड़ रुपए की ठगी करने व विश्वासघात करने का मामला दर्ज किया था। इसके बाद पत्नी से डेढ़ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में क्राइम ब्रांच ने शेठना को गिरफ्तार किया था। शेठना की पत्नी ने अपने पति के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज कराई थी। शेठना की पत्नी का आरोप है कि उसके पति ने उसके साथ डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी की है। तेहमूल ने उनकी जानकारी के बिना उसके डिमैट एकाउंट से 58 लाख के शेयर बेचे। साथ ही उसके ज्वाइंट एकाउंट से 80 लाख निकाल लिए।शेठना नोटबंदी के दौरान १३ हजार ८०० करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति घोषित करने का ऐलान करके सुर्खियां बटोरने वाले महेश शाह के सीए के रूप में चर्चा मेंं आए थे।
Published on:
07 Apr 2018 07:59 pm
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