वरिष्ठ लोक अभियोजक सुधीर ब्रह्मभट्ट ने मीडिया को बताया कि इस मामले में मंगलवार को फैसला सुनाया जाना था लेकिन विशेष जज गत 30 जनवरी को कोरोना ्ग्रस्त हो गए थे। वे फिलहाल होम आईसोलेशन में हैं।
इससे पहले अदालत ने गत वर्ष सितम्बर महीने में सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल सहित डेढ़ दर्जन स्थलों पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 56 लोग मारे गए थे जबकि 200 से ज्यादा घायल हुए थे।
इस मामले में 78 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा आरंभ हुआ। एक आरोपी के गवाह बनने के बाद इस मामले में आरोपियों की संख्या 77 हो गई। इस मामले में 77 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाया गया। करीब 8 आरोपी अभी भी फरार हैं। इन आरोपियों के खिलाफ हत्या, आपराधिक षडयंत्र सहित आईपीसी और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चलाया गया।
पुलिस ने दावा किया था कि इंडियन मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन ने इस धमाके की जिम्मेदारी ली थी। अहमदाबाद में सीरियल धमाकों के बाद सूरत में दो दर्जन स्थलों पर बम पाए गए थे। इस मामले में अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले में सभी 35 प्राथमिकी को एक साथ मिलाकर मुकदमा आरंभ किया गया था।