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भाविना पटेल की अंधजन मंडल से हुई थी मजबूत नींव

प्रेक्टिस में प्रतिदिन बिताए पांच घंटे वर्ष 2008 के बाद से कई देशों में किया भारत का प्रतिनिधित्व विश्व में आठवीं रेंकिंग

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भाविना पटेल की अंधजन मंडल से हुई थी मजबूत नींव

भाविना पटेल की अंधजन मंडल से हुई थी मजबूत नींव

अहमदाबाद. देश को पैरालंपिक में पहला रजत पदक दिलाने वाली टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल पर आज पूरा देश गर्व कर रहा है लेकिन उसे अहमदाबाद शहर के वस्त्रापुर क्षेत्र स्थित ब्लाइंड पीपुल एसोसिएशन (बीपीए) अर्थात अंधजन मंडल से मजबूत नींव मिली थी। वर्ष 2008 से प्रतिदिन घंटों प्रेक्टिस करने वाली इस युवती को प्लेटफार्म बीपीए में जाने के बाद मिला था।
दिव्यांगों के हित में काम करने वाली अंधजन मंडल नामक संस्था के कार्यकारी सचिव डॉ. भूषण पूनानी ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि वर्ष 2008 मे भाविना कंप्यूटर क्लास में प्रवेश के लिए आईं थीं। उस दौरान से ही उन्होंने अंधजन मंडल के टेनिस टेबल पर प्रेक्टिस शुरू की थी। इसके एक वर्ष बाद ही उन्हें बेंगलूरू में आयोजित प्रतियोगिता में जाने का मौका मिला, जिसमें विजय हांसिल की। उसी वर्ष प्रेक्टिस के लिए लंदन जाने का भी मौका मिला। उनका कहना है कि भाविना शुरू से ही कड़ी मेहनत करने लगी थी। जिसे ध्यान में रखकर अंधजन मंडल ने उनके लिए अलग से टेबल की व्यवस्था की। बीपीए परिसर में दो टेबल हैं इनमें से एक पर भाविना पटेल अपनी सहयोगी सोनल पटेल के साथ प्रतिदिन चार से पांच घंटे तक प्रेक्टिस करतीं थीं। कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी भाविना ने देश के अन्य राज्यों में गुजरात का प्रतिनिधित्व किया। दिव्यांग होने के बावजूद भाविना को किसी से शिकायत नहीं है वह हर दिन टेनिस की प्रक्टिस करती थी। लगभग 15 देशों में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है। यही कारण है कि उनकी विश्व में आठवीं रेंकिंग है।

सोनल पटेल के साथ और पदक मिलने की उम्मीद
डॉ. पूनानी ने बताया कि अंधजन मंडल में भाविना पटेल के साथ प्रेक्टिस करने वाली दूसरी ऐसी ही खिलाड़ी सोनल पटेल हैं जो पैरालंपिक टूर्नामेंट में उनके साथ हैं। सोनल पटेल की भी विश्व में 18वीं रेंक है। अब दोनों ही बेटिया डबल्स में एक साथ दिखाईं देंगी। टूर्नामेंट में इस जोड़ी से भी खूब उम्मीद है। डॉ. पूनानी ने बताया कि भाविना के साथ-साथ सोनल का भी प्रदर्शन अच्छा रहा है। इन दोनों के ही प्रदर्शन से बीपीए परिसर में भी खुशी का माहौल है। अगले दिनों दोनों का बीपीए परिसर में स्वागत किया जाएगा।

व्हीलचेयर से ही हराने में सक्षम
अंधजन मंडल के कॉर्डिनेटर दिनेश बहल ने बताया कि भाविना पटेल ने जब टेनिस की शुरुआत की थी तभी से उनका मनोबल देखते ही बनता था। शुरुआती दौर में ही टेनिस के मुकाबला करने में सामान्य व्यक्ति भी नहीं टिक पाता था। भाविना के साथ साथ प्रेक्टिस करने कई मौके मिले लेकिन वे हमेशा जीती हैं। दिनेश बहल के अनुसार भाविना पटेल व्हीलचेयर पर बैठकर प्रदर्शन करती थीं और वे खुद खड़े होकर भी उनसे मुकाबला नहीं कर पाते थे। बीपीए ने उनके लिए अलग अलग व्हीलचेयर की भी व्यवस्था की थी। भाविना के शरीर के आधार पर व्हीलचेयर डिजाइन भी की गईं। इस तरह की चार व्हील चेयर फिलहाल अंधजन मंडल में हैं।