
वढवाणा तालाब।
जफर सैयद
वडोदरा. जिले में सिंचाई का सबसे बड़ा स्त्रोत माना जाने वाला वढवाणा तालाब ग्रीष्म ऋतु के दौरान मई महीने के पहले सप्ताह में ही लगभग पूरा खाली हो गया है। तालाब के जलग्रहण क्षेत्र में रहने वाले किसानों को खेती के लिए पानी नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व गायकवाड़ सरकार के राज के समय में सयाजीराव गायकवाड़ की ओर से पूर्व पट्टी के 22 गांवों के खेतों को लाभ दिलाने के लिए ओरसंग नदी के बहकर जाने वाले पानी को रोकने के लिए जोजवा गांव में डैम बनाकर समग्र पानी को वढवाणा सिंचाई तालाब में पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी।
जल क्रांति से कृषि क्रांति के लिए किए थे प्रयास
सयाजीराव गायकवाड़ की ओर से वढवाणा सिंचाई तालाब में पानी पहुंचाने की व्यवस्था करने के साथ ही 12 महीनों खेती के लिए पानी का उपयोग करने के साथ ही जल क्रांति से कृषि क्रांति के लिए प्रयास किए गए थे।
देश-विदेश के पक्षियों की यात्रा का बना प्रमुख स्थल
समय बीतने के साथ ही वढवाणा तालाब देश-विदेश के पक्षियों की यात्रा का प्रमुख स्थल बन गया। फिलहाल ग्रीष्म ऋतु में करीब 43 डिग्री तापमान के कारण वढवाणा तालाब पर असर दिखाई देने लगा है। तालाब में पिछले सप्ताह 2 फीट पानी मौजूद था लेकिन फिलहाल तालाब के गड्ढों में ही थोड़ा पानी बचा है, वहां पशु चरते दिखाई देने लगे हैं।
नर्मदा डैम के पानी की आवक बंद
वढवाणा तालाब में नर्मदा डैम के पानी की आवक बंद हो गई है। तालाब का पानी सूखने और नर्मदा डैम के पानी की आवक बंद होने से किसानों को मक्का, घास, बाजरे आदि की फसलों के लिए पानी नहीं मिल रहा।
118 गांवों के 86 में से मात्र 7 तालाबों में बचा थोड़ा पानी
ग्रीष्म ऋतु के मध्य में जिले की डभोई तहसील के 118 गांवों के 86 में से मात्र 7 तालाबों में ही थोड़ा पानी बचा है। इस कारण किसानों व पशुपालकों को को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों व पशुपालकों ने की नहरों से पानी पहुंचाने की मांग
क्षेत्र के किसानों ने फसलों को बचाने व व पशुपालकों ने पशुओं को पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार से नहरों के जरिए पानी पहुंचाने की मांग की है।
अमृत सरोवर बनाने के लिए वडोदरा जिले के 82 तालाबों का चयन
वडोदरा. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जिले के 82 तालाबों का अमृत सरोवर बनाने के लिए प्राथमिक तौर पर चयन किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर जिले में 75 तालाबोंको अमृत सरोवर के तौर पर विकसित करने के लक्ष्य के मुकाबले सिंचाई विभाग की ओर से 82 तालाबों को अमृत सरोवर बनाने के लिए प्राथमिक तौर पर सूची में शामिल किया गया है।
केंद्र सरकार के 5 विभागों के सचिवों की एक समिति की ओर से 75 तालाबों को अमृत सरोवर बनाने के लिए मार्गदर्शिका जारी की गई है। इसके अनुसार न्यूनतम एक एकड़ जमीन वाले तालाबों को अमृत सरोवर के तौर पर विकसित किया जाना है।
इसके मद्देनजर वडोदरा जिले के सिंचाई विभाग की ओर से प्रारंभिक तौर पर 82 तालाबों का चयन किया गया है। इन तालाबों से मिट्टी निकालकर पाल पर डाली जाएगी। तालाबों को गहरा करने के साथ ही इनमें अधिक मात्रा में जल संग्रह हो सकेगा। तालाब की पाल पर पीपल, बरगद, नीम आदि के पौधे रोपे जाएंगे। यह अमृत सरोवर आगामी स्वतंत्रता दिवस तक तैयार करने की योजना है।
Published on:
06 May 2022 10:20 pm
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