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सीमा सुरक्षा अब मजबूत: बनासकांठा के सीमावर्ती गांवों में लगाई सायरन प्रणाली

रेंज साढ़े तीन किलोमीटर, वाव-सुइगाम तहसील के सभी 122 गांवों में महत्वपूर्ण कदम : जिला कलक्टर पालनपुर. बनासकांठा जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट गांवों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार […]

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रेंज साढ़े तीन किलोमीटर, वाव-सुइगाम तहसील के सभी 122 गांवों में महत्वपूर्ण कदम : जिला कलक्टर

पालनपुर. बनासकांठा जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट गांवों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार के निर्देशों के बाद बनासकांठा जिला प्रशासन ने सीमावर्ती वाव-सुइगाम तहसील के सभी 122 गांवों में आधुनिक सायरन प्रणाली स्थापित की है, जिससे ग्रामीणों की सुरक्षा और मजबूत हो गई है।
बनासकांठा जिला कलक्टर मिहिर पटेल ने कहा कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए वाव और सुइगाम तहसील की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे गांवों में नागरिक सुरक्षा सायरन प्रणाली स्थापित की गई है। इस सायरन की रेंज साढ़े तीन किलोमीटर है। प्रारंभ में, वाव-सुइगाम तहसील के सीमा क्षेत्र के 22 गांवों में सायरन प्रणाली स्थापित की गई थी। अब वाव-सुइगाम तहसील के सभी 122 गांवों में सायरन प्रणाली लगाई गई है।
वाव के 43 गांवों और सुइगाम के 79 गांवों में सायरन प्रणाली लगाई गई है। इनमें ग्राम पंचायतें, डेयरियां, स्कूल आदि शामिल हैं। एहतियात के तौर पर, जिले के पुलिस स्टेशन में भी सायरन प्रणाली लगाई गई है। इसके साथ ही सभी तहसील मुख्यालयों पर 8 किलोमीटर की रेंज वाले सायरन लगाने का काम भी चल रहा है।
सुईगाम के प्रांत अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार प्रजापति ने कहा कि सीमा क्षेत्र में सायरन प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वाव-सुइगाम के सभी गांवों में सायरन प्रणाली स्थापित कर नागरिकों की सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। जिला कलक्टर मिहिर पटेल के मार्गदर्शन में सायरन के लिए मॉक ड्रिल और प्रशिक्षण भी आयोजित किया गया। सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह प्रशिक्षित हो गए हैं।
सीमावर्ती क्षेत्र के दुधासण गांव के गौतमपुरी गोस्वामी के अनुसार 'मेरा गांव अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित है। सरकार ने हमारे गांव में सायरन प्रणाली स्थापित की है। जब भी सायरन बजता है, हम सतर्क हो जाते हैं और गांव की बिजली की लाइटें बंद कर देते हैं। उन्होंने राज्य सरकार, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और प्रशासन की सराहना की।
सीमावर्ती क्षेत्र के बोरू गांव के जगदीश ने कहा कि हाल की तनावपूर्ण स्थिति के दौरान, हम सोशल मीडिया पर प्रसारित विभिन्न अफवाहों से डरे हुए थे। राज्य सरकार ने हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गांव में सायरन प्रणाली स्थापित की है। अब हम सुरक्षित स्थानों पर तुरन्त पहुंच सकेंगे।