
बुलेट ट्रेन के लिए बनेंगे 28 स्टील ब्रिज, 70 टन स्टील लगेगा
गांधीनगर. नेशनल हाइस्पीड रेल कंपनी लिमिटेड (NHRCL) ने कॉरिडोर (corridor) के लिए 28 स्टील पुल (steel bridges) बनेंगे, जिसमें सत्तर टन स्टील का उपयोग होगा। इसके लिए वित्तीय बोलियां खोली गई हैं। भारतीय इस्पात उद्योग (steel industry) को बढ़ावा देने के लिए 70,000 मीट्रिक टन स्टील की मांग है।
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (high speed rail corridor) के लिए रेलवे लाइनों, नदियों, राजमार्गों, सड़क और अन्य संरचनाओं (पी -4 पैकेज) को पार करने के लिए 28 स्टील पुलों की खरीद और निर्माण के लिए वित्तीय बोलियां खोली गईं।
लार्सन एंड टुब्रो-आइएचआई इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (कंसोर्टियम) ने सबसे कम बोली लगाई। यह भारतीय और जापानी कंपनियों का एक कंसोर्टियम है। बोली में 8 बोलीदाताओं ने भाग लिया था और तकनीकी मूल्यांकन के बाद केवल 04 पात्र पाए गए, जो कंपनी हैं उनमें टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, एनसीसी लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो - आइएचआई इन्फ्रास्ट्रक्चर सिस्टम्स कंसोर्टियम हैं।
इन स्टील पुलों के निर्माण के लिए लगभग 70,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग होगा। भारतीय इस्पात उद्योगों उनकी संबद्ध आपूर्ति श्रृंखलाओं को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा। भारत के पहले हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की इतनी बड़ी मांग को पूरा करने के लिए एनएचएसआरसीएल ने पहले ही इस्पात उद्योगों को जागरूक कर दिया है।
एनएचएसआरसीएल ने पहले से ही 64 फीसदी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर ( एमएएचएसआर) संरेखण के सिविल निर्माण कार्य के लिए ठेका दे दिया है जिसमें पांच हाई स्पीड रेल ( एचएसआर) स्टेशन (वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आणंद / नडियाद), सूरत में ट्रेन डिपो और 350 मीटर की एक पर्वतीय सुरंग शामिल है। वडोदरा से भी अहमदाबाद के बीच 88 किलोमीटर का वायाडक्ट (viaduct) की डिजाइन और निर्माण के लिए भी अनुबंध हो गया है। साथ ही आणंद/नडियाद एलीवेटेड स्टेशन का भी निर्माण होगा।
Published on:
19 Dec 2020 07:53 pm
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