
Video: सीए फाइनल और इंटरमीडिएट के टॉपर्स ने दिए सफलता के टिप्स
Ahmedabad. आईसीएआई की ओर से नवंबर 2022 में ली गई सीए फाइनल व इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम मंगलवार को घोषित किया गया। इन दोनों ही परीक्षाओं में देश के टॉप 50 रैंकर्स में जगह बनाने वाले विद्यार्थियों ने सफलता के लिए आत्मविश्वास, कठिन परिश्रम, तैयारी में निरंतरता को अहम बताया है। इसके अलावा संस्थान के स्टडी मटीरियल, रिवीजन, मॉक टेस्ट पर आधार रखने की सलाह दी है।
पढ़ाई में निरंतरता रखें
सीए फाइनल में देश में चौथी रैंक लाने वाले वेदांत क्षत्रिय कहते हैं कि 12वीं के बाद उन्होंने पिता के कहने पर सीए बनने की ठानी। उन्होंने कभी रैंक लाने के लिए पढ़ाई नहीं की। लेकिन अपनी श्रेष्ठ कोशिश की। वे कहते हैं कि सफलता के लिए जरूरी है कि पढ़ाई में निरंतरता रखें। आपको लगता है कि सबकुछ आता है तो भी पढ़ाई जारी रखें। खुद को तनावमुक्त रखने को अपना पसंदीदा खेल खेलें या गतिविधि करें।
टॉपिक बनाकर करें तैयारी
देश में 8वीं रैंक लाने वाले यश जैन बताते हैं कि आर्टिकलशिप से ही पढ़ाई शुरू करनी चाहिए। कोर्स बड़ा है। जिससे टॉपिक के रूप में उसे विभाजित कर उसके आधार पर तैयारी करो। पुराने पेपर, मॉक टेस्ट भी दो।
मॉक टेस्ट होते हैं मददगार
सीए फाइनल में 15वीं रैंक लाने वाले यश वशिष्ठ बताते हंै कि विद्यार्थियों को मॉक टेस्ट जरूर देने चाहिए। इससे उन्हें काफी मदद मिलेगी। संस्थान के पुराने पेपर भी हल करने चाहिए। इससे तुम्हें अपनी गलती पता चलेगी, जिसे सुधार सकेंगे।
रिवीजन है अहम
सीए फाइनल में 17वीं रैंक पाने वाली अर्पिता शर्मा बताती हैं कि सीए फाइनल में सफलता के लिए रिवीजन काफी अहम है। उन्होंने पूरे कोर्स का छह महीने में तीन बार रिवीजन किया। डेली प्लान बनाकर तैयारी करें।
समय प्रबंधन जरूरी
सीए फाइनल में 49वीं रैंक पाने वाली भाविका सरडा बताती हैं कि सफलता के लिए जरूरी है कि समय का बेहतर प्रबंधन करें। पढ़ाई में निरंतरता काफी अहम है। ऐसा करना काफी फायदेमंद होगा।
रैंक की नहीं थी उम्मीद
सीए इंटरमीडिएट में 36वीं रैंक लाने वाले विजय आहूजा बताते हैं कि रैंक लाने की उम्मीद नहीं थी। साइंस में रुचि नहीं थी। कॉमर्स संकाय चुना और सीए बनने की ठानी। पढ़ाई में निरंतरता जरूरी है। इंस्टीट्यूट मटीरियल ही सबसे अहम है।
आत्मविश्वास रखें
इंटरमीडिएट में 42वीं रैंक लाने वालीं खुश्बू महेश्वरी बताती हैं कि खुद पर आत्मविश्वास रखें। पढ़ाई में निरंतरता जरूरी है। इंस्टीट्यूट के मॉड्यूल काफी हैं। पिता चितरंजन भी सीए हैं। बहन भी सीए हैं। मामा-मामी भी सीए हैं। उनसे काफी मार्गदर्शन मिला। जिससे वे रैंक लाने में सफल रहीं।
पुराने पेपर हल करने का मिला फायदा
इंटरमीडिएट में 43वीं रैंक लाने वाले प्रथमकुंवर अजमेरा बताते हैं कि सफलता के लिए मॉक टेस्ट और पुराने पेपर देना काफी मददगार होता है। इससे कॉन्सेप्ट भी क्लियर होता है। यह उनके लिए काफी मददगार रहा।
साइंस छोड़ लिया कॉमर्स
इंटरमीडिएट में 48वीं रैंक लाने वाले करणराज चौधरी बताते हैं कि पहले उन्होंने साइंस संकाय लिया था। दो माह पढ़ाई की पता चला कि यह मेरा क्षेत्र नहीं है। कॉमर्स चुना और सीए बनने की ठानी। सफलता के लिए रिवीजन, मॉक टेस्ट काफी अहम होते हैं। इससे मुझे मेरी गलतियां पता चलीं। पेपर लिखने में भी कॉन्सेप्ट क्लियर हुआ।
Published on:
10 Jan 2023 10:35 pm
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