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अहमदाबाद शहर में गत दिनों हुआ विमान हादसा लोगों के दिलो-दिमाग पर ऐसा असर छोड़ गया कि कईयों को रात में नींद नहीं आने जैसी परेशानी हो रही है। इस खौफ के चलते मानसिक स्वास्थ्य विभाग की टेली मानस हेल्पलाइन पर फोन करने वालों की संख्या लगभग दोगुनी तक पहुंच गई है। इनमें वे लोग ज्यादा हैं जिन्होंने हादसे के बारे में सुना और देखा है।अहमदाबाद स्थित गुजरात के सबसे बड़े मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय चौहाण का कहना है कि जिन लोगों ने विमान हादसा देखा या इसके बारे में सुना है उनमें से अधिकांश के मन में डर बैठ गया है। अनेक ऐसे लोग हैं जिन्हें हादसे के बाद रात को बेचैनी या ढंग से नींद नहीं आ रही है।
हादसे के बारे में सोच-सोच कर लोगों को तनाव का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें उपचार या फिर काउंसलिंग की जरूरत भी होने लगी है। वे मनोचिकित्सकों या फिर मनो वैज्ञानिकों का संपर्क भी करने लगे हैं। इस संबंध में टेली मानस हेल्पलाइन पर फोन कर लोग परामर्श भी ले रहे हैं।
डॉ. चौहाण के मुताबिक हादसे के बाद अहमदाबाद स्थित हेल्पलाइन पर कॉल की संख्या तेजी से बढ़ी है। हादसे से पहले कॉल का प्रतिदिन का औसत 50 था। हादसे के बाद इनकी संख्या बढ़ी है और अब इसका औसत 90 से भी अधिक हो गया है।
हेल्पलाइन पर इन दिनों सबसे अधिक शिकायत हादसे को लेकर बैठे डर संबंधित हैं। सबसे अधिक शिकायत बेचैनी, रात को नींद नहीं आना, घबराहट और डर लगना है। हेल्पलाइन पर की जाने वाली शिकायत के बाद उन्हें उपचार या परामर्श दिया जा रहा है।
विमान हादसे के बाद सिविल अस्पताल में डीएनए टेस्ट या फिर अपनों को ढूंढ़ने आए लगभग 500 लोगों में से रविवार तक चार दिनों में ही 250 लोगों को काउंसलिंग की जरूरत पड़ी। सिविल अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि इस हादसे को लेकर लोगों में अलग ही उलझन है। लोग स्वीकार नहीं करते कि उन्होंने कोई अपना खोया है। ऐसे में मनोवैज्ञानिक उन्हें काउंसलिंग दे रहे हैं।
Updated on:
18 Jun 2025 11:13 pm
Published on:
18 Jun 2025 11:12 pm
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