पुरानी परंपरा बरकरार रखने की मांगवहीं अम्बाजी मंदिर में आने वाले कई श्रद्धालुओं ने पुरानी परम्परा को बरकरार रखने और अलग पहचान रखने वाले मोहनथाल का प्रसाद चालू रखने की मांग है। इस संबंध में श्री आरासुरी अम्बाजी माता देवट्रस्ट के चेयरमैन को ज्ञापन भी दिया गया है। इस ज्ञापन में कहा गया है कि देश-विदेश में मोहनथाल प्रसाद की काफी मांग है। वहीं मोहनथाल का प्रसाद बंद होने से पैकिंग करने वाली विधवा और बेसहारा महिलाओं की रोजगारी भी बंद हो गई है।
अंबाजी बनासकांठा जिले की दांता तहसील का प्रसिद्ध यात्राधाम है जहां पर हर दिन काफी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। भक्त मंदिर में दान भी करते हैं। कुछ श्रध्दालुओं का यह मानना है कि मोहन थाल के प्रसाद में तृप्ति का आनंद और शक्ति मिलती थी। मोहन थाल बंद करने का निर्णय काफी दु:खद है। इस संबंध में मोहन थाल प्रसाद के रूप में जारी रखने के लिए हर स्तर पर गुहार लगाई जाएगी।