
नेताजी पुजारी।
जामनगर. जब भी द्वारका नगरी पर कोई विपदा आई है, भगवान द्वारकाधीश के आशीर्वाद से द्वारका नगरी सभी विपत्तियों से बच जाती है। इसे द्वारकावासी भगवान द्वारकाधीश की कृपा मानते हैं। हम चाहे इस धार्मिक मान्यता को मानें या विज्ञान का पक्ष लें, लेकिन इतिहास में ऐसे एक नहीं बल्कि कई उदाहरण हैं जब द्वारका पर भारी आपदाएं आईं और अंतिम समय में टल गईं।
देवभूमि द्वारका जिले में तीर्थ यात्राधाम द्वारका में भगवान द्वारकाधीश के जगत मंदिर के वारादार पुजारी नेताजी पुजारी ने यह बात कही। उनके अनुसार 1965 मेें भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 7 सितंबर 1965 को भादरवा सूद बारस की रात जगत मंदिर पर दुश्मन पाकिस्तान ने बमबारी की थी। पाकिस्तान की ओर से रात 11 बजकर 55 मिनट पर द्वारका के समुद्र के निकट भगवान द्वारकाधीश के जगत मंदिर को निशाना बनाकर भारतीय समुद्री सीमा से हमला किया गया। महज 20 मिनट के कम समय में 156 बम गिराए गए। उस समय भगवान द्वारकाधीश ने एक चमत्कार किया और स्टीमर के इंजीनियर ने गलती की और बमबारी के समय समुद्र एक इंच ऊपर उठ गया और सभी बम द्वारका के ऊपर से गुजर गए। इस कारण द्वारका चमत्कारिक रूप से बच गया। तभी से भगवान द्वारकाधीश को भक्त द्वारका-रक्षक भी मानने लगे हैं।इसी प्रकार 1998 में भी द्वारका से आपदा टल गई थी। 1998 में भी ऐसी ही स्थिति थी, मौसम विभाग ने पूरे गुजरात में चक्रवात आने की भविष्यवाणी की थी। चक्रवात को 9 जून 1998 के आसपास द्वारका से टकराना था। हालांकि, रातों-रात द्वारका के निवासियों पर से यह आपदा टल गई। कल्याणपुर तहसील से निकलकर यह 'रिलायंस' से गुजरा और कंडला से टकराया। द्वारकावासी इस घटना को द्वारकाधीश की कृपा मानते हैं।
2001 में आए भूकंप में भगवान द्वारकाधीश ने बचाव किया था। 2001 में लोग गणतंत्र दिवस मना रहे थे, उसी समय सुबह 8.46 बजे गुजरात में भूकंप आया। गुजरात में कच्छ जिले के भचाऊ तहसील के चोबारी गांव से 9 किमी दक्षिण पश्चिम में हजारों लोगों की जान लेने वाले भूकंप का केंद्रबिंदु था। द्वारका में भी रिक्टर पैमाने पर 7.1 तीव्रता का भूकंप आया, लेकिन भगवान द्वारकाधीश की कृपा से कोई जनहानि नहीं हुई, द्वारका में एक कंकड़ भी नहीं गिरा।
2021 में बिजली गिरी लेकिन मंदिर को आंच नहीं आई
उनके अनुसार 13 जुलाई 2021 की दोपहर में द्वारका में मूसलाधार बारिश हुई। पूरा शहर जलमग्न हो गया। इसी बीच भगवान द्वारकाधीश के जगत मंदिर के शिखर ध्वज पर बिजली गिरी, जिससे ध्वज दंड टूट गया। मंदिर पर बिजली गिरने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। लोगों का मानना है कि भगवान ने बिजली के प्रकोप को अपने ऊपर ले लिया। जगत मंदिर का धव्ज दंड बिजली की चपेट में आ गया और धव्ज को सामान्य नुकसान पहुंचा लेकिन मंदिर को कोई आंच नहीं आई।
चक्रवात के खतरे के बीच आज बंद रहेगा भगवान द्वारकाधीश का जगत मंदिर , लगातार दूसरे दिन नहीं चढ़ाई ध्वजा
जामनगर. चक्रवात के खतरे को देखते हुए तीर्थ यात्राधाम द्वारका में भगवान द्वारकाधीश का जगत मंदिर गुरुवार को बंद रहेगा।
द्वारकाधीश मंदिर प्रशासक के अनुसार अरब सागर में संभावित चक्रवात बिपरजॉय का प्रभाव काफी तीव्र होता जा रहा है। अब यह धीरे-धीरे सौराष्ट्र-कच्छ की ओर आगे बढ़ रहा है। संभावित चक्रवात द्वारका से टकरा सकता है, जिससे भारी बारिश और तूफान की आशंका जताई जा रही है।तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भगवान द्वारकाधीश के जगत मंदिर को गुरुवार को दर्शनार्थियों के लिए बंद करने का निर्णय किया है। जगत मंदिर की पूजा आरती हमेशा की तरह पुजारी परिवार की ओर से जारी रहेगी। मंदिर की वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए भगवान द्वारकाधीश के दर्शन किए जा सकेंगे।
चढ़ी हुई ध्वजा खंडित
द्वारका में भगवान द्वारकाधीश के जगत मंदिर के शिखर पर बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी तेज हवा के कारण ध्वजा नहीं चढ़ाई जा सकी। मंदिर के शिखर पर दिनभर में 5 बार ध्वजा चढ़ाई जाती है। संभावित चक्रवात बिपरजॉय के खतरे से बचने के लिए मंदिर के शिखर पर आधे ध्वज दंड पर सोमवार को एक साथ दो ध्वजा चढ़ाई गई थी। वह ध्वजा बदली नहीं जा सकी। इतना ही नहीं, बुधवार को तेज हवा के कारण एक ध्वजा खंडित हो गई। भक्तों का मानना है कि ध्वजा खंडित होेने का मतलब है कि भगवान द्वारकाधीश ने संभावित चक्रवात बिपरजॉय का खतरा अपने ऊपर उठा लिया।
Published on:
14 Jun 2023 11:25 pm
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