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मिजोरम में उद्यमिता विकास संस्थान की स्थापना में मददगार होगा ईडीआइआइ

-मिजोरम के मुख्यमंत्री, ईडीआइआइ महानिदेशक के बीच चर्चा में बनी सहमति

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Ahmedabad. भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआइआइ) गांधीनगर अब पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में उद्यमिता के विकास को बढ़ावा देगा। इसके लिए मिजोरम उद्यमिता विकास संस्थान (मेडी) को स्थापित करने में मददगार होगा।

मिजोरम के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे ईडीआइआइ के महानिदेशक डॉ.सुनील शुक्ला की अगुवाई वाले एक प्रतिनिधिमंडल ने मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मुलाकात में इसो लेकर चर्चा की। बैठक में मेडी को स्थापित करने के कार्य पर शीघ्र कदम उठाने पर सहमति बनी है।

मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने बैठक में कहा कि राज्य विविध संसाधनों से परिपूर्ण है। उद्योग, कृषि, रेशम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण तथा एमएसएमई के विकास जैसे क्षेत्र यदि सही ढंग से उपयोग में लाए जाएं तो अपार अवसरों के द्वार खुल सकते हैं। प्रशिक्षण, परामर्श और विचारों का इनक्यूबेशन सही संसाधनों को दिशा देकर उद्यमिता सफलता की नई श्रृंखला तैयार कर सकता है। इसके लिए ईडीआइआइ के सहयोग से मेडी की स्थापना के सपने को साकार करने की ओर हम आशान्वित हैं।

प्रतिनिधि मंडल ने मिज़ोरम के राज्यपाल जनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह, मिजोरम के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा निदेशक चीमला शिव गोपाल रेड्डी सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत की।

विशेष समन्वय समिति का होगा गठन

लालदुहोमा ने कहा कि इस दिशा में एक विशेष समन्वय समिति का गठन किया जाएगा। राज्य के विभिन्न विभागों को एक साथ लाकर इस पहल को गति प्रदान की जाएगी।

उद्यमिता के विकास को मिजोरम सरकार सहायक

ईडीआइआइ के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला ने कहा कि मिज़ोरम की अर्थव्यवस्था अपने विशिष्ट संसाधनों के साथ असाधारण है। वास्तव में इसे उद्यमिता और स्टार्टअप प्रोत्साहन की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ घनिष्ठ रूप से जोड़ा जाना चाहिए। राज्य मशीनरी तो सहायक है ही लोग भी सीखने और खोज करने के इच्छुक हैं। मुझे विश्वास है कि यह पहल सार्थक पारिणाम लाएगी।

12 राज्यों, 4 देशों की सरकार को की मदद

शुक्ला ने बताया कि ईडीआइआइ इससे पहले देश की 12 राज्य सरकारों के साथ-साथ कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम की सरकारों को उनके-अपने क्षेत्रों में उद्यमिता विकास केंद्र स्थापित करने में मदद कर चुका है। हाल ही में गोवा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ में भी गतिविधियां शुरू की गई हैं, जिसके ठोस परिणाम भी आए हैं।