इन दोनों के विरुद्ध शुक्रवार को दाणीलीमडा निवासी भगवानभाई उर्फ गला परमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया था कि इलाके में स्थित एम के क्रिएशन कंपनी के संचालक नौशाद शेख और श्रमिक ठेकेदार जिग्नेश पुरबिया ने सेफ्टी के उपकरण दिए बिना ही अंडरग्राउंड टंकी की सफाई करने में खतरा होने के बावजूद श्रमिकों को अंदर उतारा। इसके चलते टंकी में बेहोश होने से उनके भतीजे सहित तीन श्रमिकों की दम घुटने से मौत हो गई। इनमें दाणीलीमडा खोडियारनगर निवासी प्रकाश परमार, विशाल ठाकोर और सुनील राठवा शामिल हैं।
एक साल से बंद थी फैक्ट्री
जांच में सामने आया कि फैक्ट्री करीब एक साल से बंद थी। इसे फिर से शुरू करने के लिए अंडरग्राउंड टंकी की सफाई कराई जा रही थी। इटीपी प्लांट श्रमिक ठेकेदार जिग्नेश पुरबिया ने कारखाना संचालक नौशाद शेख के पास से 18 हजार रुपए में काम लिया था। इसके लिए जिग्नेश ने दो दिन पहले पांच श्रमिकों को काम पर रखा था। गुरुवार को पांच श्रमिकों ने अंडर ग्राउंड टंकी की आधी सफाई की थी। शुक्रवार सुबह पांच में से तीन श्रमिक पहुंचे थे और सफाई करते समय तबीयत बिगड़ने से बेहोश हो गए। एलजी अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया था। मृतकों का डॉक्टरो के पैनल से पोस्टमार्टम कराया है। एफएसएल जांच भी कराई है।