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Ahmedabad: गांधीवादी अमृत मोदी नहीं रहे, साबरमती आश्रम, भूदान आंदोलन से थे जुड़े

अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम के पूर्व सचिव अमृत मोदी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे।

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amrut modi

अमृत मोदी

गांधीवादी और अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम के पूर्व सचिव अमृत मोदी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे। 30 अप्रेल 1933 को जन्म मोदी 1974 में साबरमती आश्रम से जुड़े। वर्ष 1985 से वे साबरमती आश्रम प्रिजर्वेशन मेमोरियल ट्रस्ट (एसएपीएमटी) के सचिव के रूप में कार्यरत थे। कुछ ही महीने पहले उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से आश्रम के सचिव पद से इ्स्तीफा दिया था। उनके निधन पर ट्रस्ट के निदेशक अतुल पंड्या, सभी ट्रस्टियों, कार्यकर्ताओं, आश्रम परिवार ने गहरा दु:ख व्यक्त किया। महात्मा गांधी ने देश की आजादी की लड़ाई के लिए इस आश्रम की स्थापना की थी।गांधीनगर के पास सादरा के मूल निवासी मोदी का जन्म मेहसाणा जिले की वीजापुर तहसील के पेढामली गांव में हुआ था।विद्यार्थीकाल से वे कई प्रवृत्तियों में सक्रिय थे। विद्यार्थी मंडल, कांग्रेस सेवा दल, रात्रि-छात्रालय, पुस्तकालय, ग्राम सफाई, श्रम कार्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे। मैट्रिक के बाद उन्होंने प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल व सौराष्ट्र के सचिवालय में कार्य किया।

1955 में भूदान आंदोलन से जुड़े

मोदी दादा धर्माधिकारी व द्वारकादास जोशी की प्रेरणा से वर्ष 1955 में भूदान आंदोलन के कार्यों में शामिल हुए। वे पांच वर्ष तक हर महीने 25 दिन पदयात्रा करते थे। उन्होंने सांतलपुर, हारिज व राधनपुर तहसील में बड़े पैमाने पर भूमि वितरण का कार्य किया। इस दौरान विनोवा भावे, जय प्रकाश नारायण, दादा धर्माधिकारी, रविशंकर महाराज तथा विभिन्न सर्वोदय नेताओं के साथ काम करने का उन्हें मौका मिला। उन्हें तीन हजार बीघा जमीन वितरण करने का सौभाग्य मिला।

गांधीजी के अभिलेखागार का कार्य संभाला

साबरमती आश्रम से जुड़ने और ट्रस्ट के सचिव के रूप में कार्यरत होने के बाद उन्होंने आश्रम में गांधीजी के अभिलेखागार का कार्य संभाला। पिछले 50 वर्ष से वे साबरमती आश्रम की ओर से गांधीजी के साहित्य व गांधी विचार के प्रचारृ-प्रसार का कर रहे थे। देश-विदेश से आने वाले कई राष्ट्राध्यक्षों के साथ-साथ लोगों को गांधी केजीवन के बारे में जानकारी प्रदान करते थे।