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जीटीयू ने ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने वाला डिवाइस किया तैयार

क्लीनिकल ट्रायल प्रक्रिया पूरी होने पर जनवरी में होगा लॉन्च

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जीटीयू ने ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने वाला डिवाइस किया तैयार

जीटीयू ने ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने वाला डिवाइस किया तैयार

अहमदाबाद. देश दुनिया में कैंसर के प्रकारों में देखा जाए तो ब्रेस्ट कैंसर के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। हाल ही में गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (जीटीयू) संचालित डिजाइन इनोवेशन सेंटर (डीआईसी) के संशोधक ध्रुव पटेल ने ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने वाला डिवाइस तैयार किया है। इस यंत्र के माध्यम से महिलाएं खुद ही जांच कर सकेंगी। फिलहाल यह डिवाइस क्लीनिकल ट्रायल प्रक्रिया से गुजर रहा है जिसे आगामी जनवरी माह में लॉन्च कर दिया जाएगा।
जीटीयू के संशोधकों की ओर से पूर्व में ब्लड सुगर तथा ब्लड प्रेशर मापने वाले यंत्र तैयार किए जा चुके हैं। अब ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने वाला डिवाइस भी तैयार किया गया है। संशोधक ध्रुव पटेल ने यह डिवाइस तैयार किया है। जीटीयू के कुलपति डॉ. नवीन शेठ ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) के आंकड़ों के अनुसार विश्व में अन्य कैंसर की तुलना में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। जीटीयू की ओर से जो डिवाइस तैयार किया गया है उसके उपयोग से कैंसर से होने वाली मौतों पर कुछ हद तक अंकुश लग सकता है।
जीटीयू डीआईसी इन्क्यूबेटर्स और डी थ्री एस हेल्थकेयर टेक्नोलोजी के संस्थापक ध्रुव पटेल ने बताया कि भारत में पिछले वर्ष ब्रेस्ट कैंसर के सात लाख से अधिक मरीजों की पुष्टि हुई थी। आगामी 2025 तक इस तरह के मरीजों की संख्या आठ लाख तक पहुंत सकती है। अन्य कैंसर के मुकाबले ब्रेस्ट कैंसर की जागरुकता भी कम है। यही कारण है कि यहां एडवांस स्टेज पर कैंसर की पुष्टि होती है। तब तक उपचार में काफी विलंब हो चुका होता है। लेकिन तैयार किए गए इस डिवाइस से समय रहते कैंसर का पता लग सकेगा जिससे पहले स्टेज से ही उपचार शुरु हो सकेगा और मृत्यु के मामले में कमी आ सकेगी।

रेड लाइट टेक्नोलोजी का उपयोग
यह यंत्र रेड लाइट टेक्नोलोजी से तैयार किया गया है। डिवाइस के माध्यम से ब्रेस्ट को 360 अंश से स्कैन किया जा सकेगा। स्तन में गांठ या अन्य समस्या की रिपोर्ट मोबाइल एप्लीकेशन में फोटो के साथ पेश की जा सकेगी। इससे महिला घर रहकर भी निदान कर सकेंगी। यह यंत्र दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए ज्यादा उपयोगी साबित होगा। इस डिवाइस की क्लीनिकली ट्रायल प्रक्रिया जल्द ही पूरी हो जाएगी और आगामी जनवरी माह से यह लॉन्च हो जाएगा।